India-Pakistan Conflict: भारत से मात खाने के बाद भी पाकिस्तानी सेना सुधरने को तैयार नहीं है। पाक सेना अब आतंकी हाफिज सईद की भाषा में भारत को गीदड़भभकी दी है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने लश्कर ए तैयबा (एलईटी) के आतंकी हाफिज सईद की ही तरह सिंधु जल समझौते को लेकर भारत के खिलाफ जहर उगला है। चौधरी ने एक सार्वजनिक सभा में सिंधु जल संधि स्थगित करने के फैसले पर चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि यदि आप हमारा पानी रोकेंगे, तो हम आपकी सांसें रोक देंगे। ये अंदाज और बोल ठीक वैसे ही हैं जैसे हाफिज सईद ने हाल ही में उगले थे।
शरीफ चौधरी सिंधु जल संधि को तब तक स्थगित रखने के भारत के फैसले पर बोल रहे थे। भारत पहले ही कह चुका है कि जब तक इस्लामाबाद आतंकवाद को समाप्त नहीं कर देता। साथ ही अपनी धरती से उत्पन्न होने वाले आतंकवादी समूहों को सहायता, फंडिंग और समर्थन बंद नहीं कर देता, तब तक सिंधु जल संधि स्थगित ही रहेगी।
चौधरी ने कथित तौर पर पाकिस्तान के एक विश्वविद्यालय में भाषण के दौरान यह टिप्पणी की। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "अगर तुम हमारा पानी रोकोगे, तो हम तुम्हारी सांस बंद कर देंगे।"
उनका बयान लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद द्वारा इस्तेमाल की गई बयानबाजी से हूबहू मेल खाता है। सईद 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों का मास्टरमाइंड है। वह भारत और अमेरिका के खिलाफ अपने भड़काऊ भाषणों के लिए जाना जाता है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में हाफिज सईद को यही शब्द कहते हुए सुना जा सकता है। ये बयान ऐसे समय में आए हैं जब भारत ने 23 अप्रैल को सिंधु जल संधि के कुछ हिस्सों को निलंबित कर दिया था। यह संधि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के एक दिन बाद की है जिसमें 26 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी।
1960 में हस्ताक्षरित और विश्व बैंक द्वारा मध्यस्थता की गई यह संधि सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल के बंटवारे को दोनों देशों के बीच नियंत्रित करती है। इस बीच, नई दिल्ली ने बार-बार कहा है कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते, जो सीमा पार आतंकवाद के लिए पाकिस्तान के कथित समर्थन पर सख्त रुख का संकेत देता है।
निलंबन इस्लामाबाद के खिलाफ उठाए गए जवाबी उपायों का एक हिस्सा था, जिसमें 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर भी शामिल था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया था। भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा की थी कि पाकिस्तान के साथ भविष्य की कोई भी बातचीत केवल जम्मू और कश्मीर में अवैध रूप से कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करने पर केंद्रित होगी।
इस बीच, पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य कमांडर ने भारत के साथ हालिया संघर्ष के बाद अपनी पहली औपचारिक बैठक में गुरुवार को कहा कि उनके देश को बल प्रयोग या बल प्रयोग की धमकी के जरिये मजबूर नहीं किया जा सकता।
पाकिस्तान सेना ने एक बयान में कहा कि इन विभिन्न सैन्य जनरल ने जनरल मुख्यालय में फील्ड मार्शल असीम मुनीर की अध्यक्षता में आयोजित 270वें कोर कमांडर सम्मेलन के दौरान मौजूदा आंतरिक और बाह्य सुरक्षा माहौल की समीक्षा भी की।
बयान में कहा गया है, "कोई भी पाकिस्तान को बल प्रयोग या बल प्रयोग की धमकी देकर मजबूर नहीं कर सकता। राष्ट्र अपने महत्वपूर्ण हितों की रक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएगा।" यह बैठक भारतीय और पाकिस्तानी सेनाओं के बीच चार दिनों की तीव्र संघर्ष के बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की दोनों पक्षों के बीच एक सहमति बनने के लगभग डेढ़ सप्ताह बाद आयोजित हुई।