पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने आतंकवादी गुटों के साथ पाकिस्तान के मिले होने के "अतीत" को स्वीकार किया और देश के चरमपंथ से ऐतिहासिक संबंधों को स्वीकार किया। कुछ ऐसा ही कबूलनामा पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आशिफ ने भी किया था, जिन्होंने पहले आतंकवादी समूहों को समर्थन और फंडिंग में इस्लामाबाद की भूमिका को स्कीकार किया था।
Sky News की यल्दा हकीम से बात करते हुए बिलावल भुट्टो ने कहा, "जहां तक रक्षा मंत्री ने कहा है, मुझे नहीं लगता कि यह कोई रहस्य है कि पाकिस्तान का एक अतीत है... नतीजतन, हमने भुगता है, पाकिस्तान ने भुगता है। हम चरमपंथ की एक के बाद एक लहरों से गुजरे हैं, लेकिन हमने जो झेला है, उसके कारण हमने अपने सबक भी सीखे हैं। हमने इस समस्या को हल करने के लिए आंतरिक सुधार किए हैं।"
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि पाकिस्तान का चरमपंथ के साथ इतिहास निर्विवाद है, लेकिन यह एक ऐसा अध्याय है, जिससे देश आगे निकल चुका है।
उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे को सुलझाने और सुधारने के लिए पाकिस्तान की कोशिशों पर जोर देते हुए कहा, "जहां तक पाकिस्तान के इतिहास का सवाल है, यह इतिहास है और यह ऐसा कुछ नहीं है, जिसमें हम आज हिस्सा ले रहे हैं। यह सच है कि यह हमारे इतिहास का दुर्भाग्यपूर्ण हिस्सा है।"
इससे पहले पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से पूछा गया था, "लेकिन आप मानते हैं कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, ट्रेनिंग और फंडिंग देने का एक लंबा इतिहास रहा है?"
इस पर उन्होंने जवाब दिया, "हम करीब तीन दशकों से अमेरिका के लिए यह गंदा काम कर रहे हैं... और ब्रिटेन समेत पश्चिमी देशों के लिए... यह एक गलती थी और हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा और इसीलिए आप मुझसे यह कह रही हैं। अगर हम सोवियत संघ के खिलाफ युद्ध और बाद में 9/11 के बाद के युद्ध में शामिल नहीं होते, तो पाकिस्तान का ट्रैक रिकॉर्ड बेदाग होता।"
भारतीय जनता पार्टी के IT सेल प्रमुख अमित मालवीय ने X पर एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, "डर साफ है।"