PoK: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में सोमवार को बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों की तैयारी हो रही है, जिसके चलते पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल है। अवामी एक्शन कमेटी (AAC) के नेतृत्व में हजारों नागरिक 'शटर-डाउन और व्हील-जैम' हड़ताल कर रहे हैं। पाकिस्तान सरकार ने प्रदर्शनकारियों को जुटने से रोकने के लिए PoK में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किए हैं और आधी रात से ही पूरे क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद कर दी है।
पूरे PoK में 'शटडाउन' और सुरक्षा का कड़ा पहरा
सरकार ने प्रदर्शनकारियों की लामबंदी को रोकने के लिए कड़े उपाय किए है। पूरे PoK में बड़े पैमाने पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है और इंटरनेट बंद कर दिया गया है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फराबाद के व्यापारी निकायों ने हड़ताल से पहले लोगों को आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक करने की अनुमति देने के लिए रविवार को दुकानें खुली रखीं थीं। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में सुरक्षा बलों के काफिले को शहर में प्रवेश करते हुए दिखाया गया है, जिससे यह अटकलें तेज हो गई हैं कि सरकार जल्द ही सख्त कार्रवाई कर सकती है।
प्रदर्शनकारियों की क्या है मुख्य मांगें?
सीएनएन-न्यूज18 के अनुसार, ये विरोध प्रदर्शन नागरिकों के बढ़ते गुस्से से उपजे हैं, जिनकी कई प्रमुख मांगें हैं। ये मांगें सीधे तौर पर इस्लामाबाद के PoK पर नियंत्रण और स्थानीय समुदाय के हितों से जुड़ी हुई हैं:
विधानसभा सीटों का खात्मा: पाकिस्तान में बसे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधानसभा सीटों को समाप्त करना। AAC का तर्क है कि ये सीटें स्थानीय प्रतिनिधित्व को खत्म करती है और इस्लामाबाद को अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप का मौका देती है।
बिजली समझौतों पर पुनर्विचार: मंगला और नीलम-झेलम बांधों पर उत्पन्न बिजली का सीधा लाभ स्थानीय समुदायों को मिले, इसके लिए जलविद्युत समझौतों पर फिर से बातचीत करना। इसके साथ ही निवासियों के लिए ऊर्जा लागत कम करने हेतु बिजली टैरिफ को स्थानीय उत्पादन दरों से जोड़ना।
आटा सब्सिडी: बढ़ती महंगाई के बोझ को कम करने के लिए तत्काल आटे पर सब्सिडी प्रदान करना।
'आजादी' की मांग बढ़ने का डर, इस्लामाबाद और सेना चिंतित
पाकिस्तान सरकार और सेना इस बात को लेकर सबसे ज्यादा चिंतित हैं कि चल रहे ये विरोध प्रदर्शन पाकिस्तान से 'आजादी' की व्यापक मांगों में बदल सकते है। AAC की विधानसभा सीटों को खत्म करने की मांग को इस्लामाबाद द्वारा PoK पर लंबे समय से नियंत्रण रखने वाली राजनीतिक संरचना के लिए एक सीधी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है।
सूत्रों ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि हड़ताल से पहले स्थिति अस्थिर और अप्रत्याशित बनी हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर इस आंदोलन को हिंसक रूप से दबाने का प्रयास किया गया तो PoK क्षेत्र में पाकिस्तान के विरुद्ध युवाओं में कट्टरता बढ़ सकती है। इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और पूरे यूरोप में बसे PoK समुदाय के लोग भी विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में हैं।