'अब ऑप्शन नहीं, बल्कि जरूरत है'; IBSA मीटिंग में PM मोदी ने UNSC में सुधारों पर दिया जोर

PM Modi at IBSA meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में सुधार अब कोई ऑप्शन नहीं, बल्कि जरूरी है। साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में इंडिया-ब्राजील-साउथ अफ्रीका (IBSA) लीडर्स की मीटिंग में उन्होंने यह भी कहा कि काउंटर-टेररिज्म पर करीबी तालमेल की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद से लड़ते समय दोहरे मापदंडों के लिए कोई जगह नहीं है

अपडेटेड Nov 23, 2025 पर 5:33 PM
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PM Modi at IBSA meet: पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है

PM Modi at IBSA meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल (UNSC) में सुधारों की जोरदार वकालत की है। पीएम मोदी ने रविवार (23 नवंबर) को कहा कि भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका (IBSA) के त्रिपक्षीय मंच को यह स्पष्ट संदेश देना चाहिए कि वैश्विक संस्था में बदलाव अब विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है। पीएम मोदी ने साउथ अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में इब्सा नेताओं के समिट को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे समय में जब दुनिया बंटी और विभाजित नजर आती है। इब्सा एकता, सहयोग और मानवता का संदेश दे सकता है।

दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने तीनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने के लिए इब्सा एनएसए स्तरीय बैठक को संस्थागत बनाने का प्रस्ताव रखा। पीएम मोदी ने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें घनिष्ठ समन्वय के साथ आगे बढ़ना होगा। इतने गंभीर मुद्दे पर दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है।"

भविष्य में टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों देशों के बीच यूपीआई जैसे डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, कोविन जैसे स्वास्थ्य मंचों, साइबर सुरक्षा ढांचे और महिलाओं के नेतृत्व वाली तकनीकी पहल को साझा करने की सुविधा के लिए 'इब्सा डिजिटल इनोवेशन गठबंधन' की स्थापना का भी प्रस्ताव रखा।


'इब्सा' समूह दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने, वैश्विक शासन प्रणालियों में सुधारों को आगे बढ़ाने और विकासशील देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित है। प्रधानमंत्री मोदी, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा और ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा ने जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन के दौरान जोहानिसबर्ग में मुलाकात की।

'इब्सा' समूह दक्षिण-दक्षिण सहयोग को बढ़ावा देने, वैश्विक शासन प्रणालियों में सुधारों को आगे बढ़ाने और विकासशील देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित है। सितंबर में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, ब्राजील के विदेश मंत्री मौरो विएरा और दक्षिण अफ्रीका की महिला, युवा और दिव्यांगजन मंत्री सिंडीसिवे चिकुंगा ने न्यूयॉर्क में वार्षिक संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र के इतर एक बैठक की थी।

मंत्रियों ने आईबीएसए फंड को मजबूत करने, विस्तारित करने और बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की थी जो दक्षिण-दक्षिण सहयोग की एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त पहल है। इसके तहत 40 देशों में 51 परियोजनाएं आती हैं। उन्होंने आतंकवाद के सभी रूपों को बिना शर्त अस्वीकार करने की भी पुष्टि की थी। साथ ही आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने का आग्रह किया था।

अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ संबंधी विवाद की परोक्ष आलोचना करते हुए मंत्रियों ने एकतरफा शुल्क और अन्य दबावकारी उपायों पर गंभीर चिंता जताई थी। क्योंकि इनसे विश्व बाजार में अस्थिरता पैदा होने का खतरा है। उन्होंने कहा कि ये भेदभावपूर्ण उपाय विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों के आधार पर असंगत हैं।

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पीएम मोदी ने इब्सा बैठक को समयोचित बताया, क्योंकि यह अफ्रीकी धरती पर आयोजित पहला जी-20 शिखर सम्मेलन के साथ हुई है। साथ ही यह ग्लोबल साउथ देशों द्वारा लगातार चार बार जी-20 की अध्यक्षता किए जाने का नतीजा है, जिनमें से अंतिम तीन अध्यक्षता इब्सा सदस्यों द्वारा की गई थी।

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