G7 Summit 2025: पीएम मोदी जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए कनाडा पहुंचे, जानें क्यों महत्वपूर्ण है ये यात्रा

G7 Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। यह सम्मेलन भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किए जाने के एक महीने बाद हो रहा है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया था

अपडेटेड Jun 17, 2025 पर 9:24 AM
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G7 Summit 2025: जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की लगातार छठी बार भागीदारी है

PM Narendra Modi in G7 Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मंगलवार (17 जून) को कैलगरी शहर पहुंच गए। यह एक दशक में पीएम मोदी की कनाडा की पहली यात्रा है। प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान विश्व के नेताओं के साथ मुलाकात करेंगे। इस दौरान ऊर्जा, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर साइप्रस से सोमवार शाम (स्थानीय समयानुसार) कनाडा पहुंचे। कनैनिस्किस में यह सम्मेलन 16 जून से 17 जून तक चलेगा। यह जी-7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की लगातार छठी बार भागीदारी है।

विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में कहा था, "शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री जी-7 देशों के नेताओं, अन्य आमंत्रित देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ ऊर्जा सुरक्षा, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन विशेष रूप से AI-ऊर्जा संबंध और क्वांटम-संबंधी मुद्दों सहित महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।"

प्रधानमंत्री मोदी शिखर सम्मेलन के दौरान कई द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। यह सम्मेलन भारत द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किए जाने के एक महीने बाद हो रहा है। 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया गया था।


जी-7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पीएम मोदी को कार्नी द्वारा दिया गया आमंत्रण, नई सरकार की भारत के साथ संबंधों को सुधारने की मंशा का संकेत है जो खालिस्तानी समर्थक अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद सबसे खराब स्थिति में पहुंच गए थे।

पिछले साल अक्टूबर में भारत ने अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था क्योंकि ओटावा ने उन्हें निज्जर मामले से जोड़ने का प्रयास किया था। भारत ने कनाडा के भी इतने ही राजनयिकों को निष्कासित किया था। भारत ने जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर कनाडा की धरती से खालिस्तानी समर्थकों को काम करने की अनुमति देने का आरोप लगाया था।

अर्थशास्त्री कार्नी ने ट्रूडो के शीर्ष पद से हटने के बाद कनाडा के नए प्रधानमंत्री के तौर पर कार्यभार संभाला। पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने संपर्क पुनः शुरू किया है। दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना पर विचार कर रहे हैं।

जी-7 शिखर सम्मेलन भू-राजनीतिक तनावों के बीच हो रहा है। इसमें ईरान और इजरायल के एक-दूसरे पर हमले करने के मद्देनजर पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव के साथ-साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शुल्क नीतियों के चलते शुरू हुआ व्यापार युद्ध भी शामिल है।

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'ग्रुप ऑफ सेवन' (जी-7) दुनिया की सात उन्नत अर्थव्यवस्थाओं फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, इटली और कनाडा तथा यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक ग्रुप है। इसके सदस्य वैश्विक आर्थिक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए हर साल जी-7 शिखर सम्मेलन में मिलते हैं। विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में शामिल भारत को पिछले कुछ वर्षों से नियमित रूप से जी-7 शिखर सम्मेलन के संपर्क सत्र में आमंत्रित किया जाता रहा है।

Akhilesh Nath Tripathi

Akhilesh Nath Tripathi

First Published: Jun 17, 2025 9:22 AM

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