Putin Visit India: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दिसंबर की शुरुआत में की जाने वाली अपनी भारत यात्रा के प्रति उत्सुकता व्यक्त करते हुए अपनी सरकार को आदेश दिया है कि वह भारत द्वारा कच्चे तेल का भारी मात्रा में आयात किए जाने के कारण उसके साथ पैदा हुए व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए कदम उठाए। रूसी राष्ट्रपति ने कहा है कि वह दिसंबर की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए भारत आएंगे। उन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया। व्लादिमीर पुतिन पीएम मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता के लिए दिसंबर में भारत आएंगे, जिसकी तैयारियां जोर-शोर से जारी है।
रूसी राष्ट्रपति ने आखिरी बार 2021 में नई दिल्ली का दौरा किया था। भारत और रूस के बीच एक व्यवस्था है। इसके तहत भारत के प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा के लिए हर साल एक शिखर सम्मलेन आयोजित करते हैं। अब तक, भारत और रूस में बारी-बारी से 22 वार्षिक शिखर वार्ता हो चुके हैं। पिछले साल जुलाई में, प्रधानमंत्री मोदी वार्षिक शिखर वार्ता के लिए मॉस्को गए थे।
पुतिन ने दक्षिण रूस के सोची स्थित काला सागर रिसॉर्ट में भारत सहित 140 देशों के सुरक्षा एवं भू-राजनीतिक विशेषज्ञों के अंतरराष्ट्रीय वल्दाई चर्चा मंच को गुरुवार शाम संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि रूस एवं भारत के बीच कभी कोई समस्या या तनाव नहीं रहा है। रूसी नेता ने कहा, "भारत के साथ हमारी कभी कोई समस्या या आपसी तनाव नहीं रहा। कभी नहीं।" पुतिन ने रूस-भारत संबंधों की सोवियत संघ के दिनों से विशेष प्रकृति पर प्रकाश डाला जब भारत अपनी स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहा था।
पुतिन ने कहा, "भारत में वे इसे याद रखते हैं, वे इसे जानते हैं और वे इसे महत्व देते हैं। हम इस बात की सराहना करते हैं कि भारत इसे नहीं भूला है।" उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना मित्र बताते हुए कहा कि वह उनके साथ भरोसेमंद संबंधों को लेकर सहज महसूस करते हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भारत की राष्ट्रवादी सरकार की सराहना की। उन्होंने उन्हें एक संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्र हितैषी नेता बताया। उन्होंने कहा, "भारत में हर कोई इसे अच्छी तरह जानता है। खासकर रूस से तेल आयात रोकने के अमेरिकी दबाव को नजरअंदाज करने के भारत के फैसले का कारण लोग समझते हैं।"
पुतिन ने कहा, ‘‘अमेरिका के दंडात्मक शुल्कों के कारण भारत को होने वाले नुकसान की भरपाई रूस से कच्चे तेल के आयात से हो जाएगी। साथ ही उसे एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में प्रतिष्ठा भी मिलेगी।’’ उन्होंने कहा कि व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए रूस भारत से अधिक कृषि उत्पाद और दवाइयां खरीद सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा, "भारत से अधिक कृषि उत्पाद खरीदे जा सकते हैं। औषधीय उत्पादों और फार्मास्यूटिकल्स के लिए हमारी ओर से कुछ कदम उठाए जा सकते हैं।" उन्होंने रूस और भारत के बीच आर्थिक सहयोग की अपार संभावनाओं का उल्लेख किया। लेकिन इन अवसरों को पूरी तरह से भुनाने के लिए कुछ विशिष्ट मुद्दों को हल करने की आवश्यकता को भी स्वीकार किया।
पुतिन ने कहा, "हमें अपने अवसरों और संभावित लाभों को प्राप्त करने के लिए सभी प्रकार के मुद्दों को हल करने की आवश्यकता है।" पुतिन ने इस बात का भी जिक्र किया कि रूस और भारत के बीच विशेष रणनीतिक विशेषाधिकार प्राप्त साझेदारी की घोषणा को जल्द ही 15 साल हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अपने राजनीतिक संबंधों को लेकर रूस और भारत लगभग हमेशा अपने कार्यों के बीच समन्वय करते हैं। पुतिन ने कहा, "हम अन्य प्रमुख मुद्दों पर हमारे देशों की स्थिति को हमेशा सुनते एवं ध्यान में रखते हैं। हमारे विदेश मंत्रालय मिलकर बहुत निकटता से काम करते हैं।"