पाकिस्तान के सिंध राज्य के कराची शहर में हाल ही में कुछ अलग नजारा देखने को मिला। यहां के थिएटर समूह ने स्टेज पर हिंदू धर्म ग्रंथ रामायण पर आधारित नाटक का मंचन किया। आम सोच के उलट इस नाटक को लोगों की सरहना मिली और कलाकारों ने खूब तालियां बटोरीं। इस नाटक की एक और खास बात रही AI का इस्तेमाल। इसके मंचन में कृत्रिम मेधा का इस्तेमाल कर दृश्यों को जीवंत बनाया गया, जिससे ये और भी शानदार हो गया।
पाकिस्तान के नाटक समूह ‘मौज’ ने कराची आर्ट्स काउंसिल में रामायण पर आधारित नाटक का मंचन किया। ये पेशकश इस वीकेंड पर की गई थी। इसमें एआई तकनीक का इस्तेमाल कर नाटक के सीन को वास्तविकता का एहसास दिया गया। इसका निर्देशन योहेश्वर करेरा ने किया था। अपनी अनूठी कोशिश के लिए कला जगत में उनकी काफी सराहना की गई।
निर्देशक योहेश्वर करेरा ने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा कि ‘रामायण’ का मंचन करने से लोग उन्हें नापसंद करेंगे या उन्हें किसी खतरे का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ‘रामायण को मंच पर जीवंत करना एक मेरे लिए एक अद्भुत अनुभव है, जो और दर्शाता है कि पाकिस्तानी समाज जितना माना जाता है, उससे कहीं अधिक सहिष्णु है।’ उन्होंने कहा कि नाटक को अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और कई क्रिटक्स ने करेरा की कोशिश और इसके एक्टर्स की एक्टिंग की तारीफ की।
फिल्म क्रिटिक ओमैर अलवी ने कहा कि कहानी कहने की ईमानदारी उन्हें अच्छी लगी। इसके अलावा नाटक की शानदार लाइटिंग, लाइव म्यूजिक, रंग-बिरंगी ड्रेसेस और सेट के बेहतरीन डिजाइन ने शो की भव्यता में चार चांद लगा दिए। उन्होंने कहा कि ‘रामायण की कहानी एक ऐसी कहानी है जो दुनिया के लाखों लोगों के साथ जुड़ती है।’ प्ले की प्रोड्यूसर और इसमें सीता का रोल करने वाली राना काजमी ने कहा कि वह इस कहानी को दर्शकों के लिए एक लाइव अनुभव के रूप में पेश करने की सोच से रोमांचित थीं।
भारत में 1987 में दूरदर्शन पर रामानंद सागर के निर्देशन में ‘रामायण’ टीवी शो प्रसारित हुआ था। इसे और इसके एक्टर्स को दर्शकों ने खूब प्यार और सम्मान दिया, जो आज भी कायम है।