कार्डिनल रॉबर्ट फ्रांसिस प्रीवोस्ट को नया पोप चुन लिया गया है। 8 मई को उन्हें कैथोलिक चर्च का धर्मगुरु चुना गया। उन्हें लियो 14 नाम दिया गया है। कैथोलिक चर्च का धर्मगुरु बनने वाले वह पहले अमेरिकी हैं। शिकागो में जन्मे प्रीवोस्ट को व्यापक वैश्विक अनुभव है। उन्होंने बतौर मिशनरी अपने करियर का ज्यादा समय दक्षिण अमेरिका में बिताया। उन्हें पोप फ्रांसिस की जगह कैथोलिक चर्च का धर्मगुरु चुना गया है।
अमेरिका में शिकागो में जन्म
प्रीवोस्ट (Robert Francis Prevost) का जन्म अमेरिका में हुआ था। वह त्रुजियो, पेरू सहित कई जगहों पर रह चुके हैं। बाद में उन्हें पेरू के शहर Chiclayo का बिशप नियुक्त किया गया, जहां वह 2014 से 2013 तक रहे। उन्हें स्पैनिश और इटालियन भाषाओं का अच्छा ज्ञान है। स्वर्गीय पोप फ्रांसिस भी प्रीवोस्ट का काफी सम्मान करते थे। प्रीवोस्ट ऑगस्टीनियम रिलिजियस ऑर्डर के सदस्य हैं। यह दुनियाभर में फैला हुआ है। वह एक दशक से ज्यादा वक्त तक इसके जनरल रह चुके हैं।
कम उम्र से ही बड़ी जिम्मेदारियों
नया पोप चुने जाने के बाद अपने पहले संबोधन में उन्होंने खुद को सेंट ऑगस्टाइन का पुत्र बताया। बताया जाता है कि प्रीवोस्ट में शुरुआत से ही नेतृत्व क्षमता रही है। यही वजह है कि काफी उम्र से ही उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां मिलती रही हैं। उनकी पहचान एक ऐसे व्यक्ति के रूप में रही है जो शांत और संतुलित है। उनकी कथनी और करनी में फर्क नहीं रहा है। इस वजह से वह जहां भी रहें उन्हें लोगों का सम्मान मिलता रहा।
पेरू की भी नागरिकता हासिल
नया पोप चुने के बाद रोम में प्रीवोस्ट ने कहा कि वह अब भी खुद को एक मिशनरी मानते हैं। इससे पहले एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पेरू में बिताए गए समय के दौरान उन्होंने जीवन को काफी करीब से अनुभव किया। उनके व्यक्तित्व में उसका बड़ा योगदान रहा। खास बात यह है कि उन्हें अमेरिका के साथ पेरू की नागरिता भी हासिल है। पेरू की नागरिता उन्हें अगस्त 2015 में मिली थी। यही वजह है कि कैथोलिक चर्च का धर्मगुरु बनने पर पेरू के राष्ट्रपति डीना बोलुआर्टे ने खुशी जताई है। उन्होंने इसे पेरू और पूरी दुनिया के लिए ऐतिहासिक क्षण बताया।
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विलानोवा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन
प्रीवोस्ट ने अमेरिका के पैनसिलवेनिया में विलानोवा यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की पढाई की थी। उसके बाद उन्होंने धर्मविज्ञान में डिप्लोमा किया। उनकी खेल में भी दिलचस्पी रही है। वह टेनिस खेलना पसंद करते हैं। हालांकि, बड़ी जिम्मेदारियों को निभाने में उन्हें खेलने का वक्त नहीं मिलता है। उन्हें पढ़ने, घूमने और नई जगहों को देखने का भी शौक है। उनके पोप चुने जाने पर शिकागो सहित पूरे अमेरिका में खुशियां मनाई गईं।