Russia-Ukraine War: रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हमला किया है। कीव की तरफ से बुधवार (3 सितंबर) को बताया गया कि रूसी सेना ने यूक्रेन पर रातभर ताबड़तोड़ हमला किया है। इस दौरान 500 से अधिक ड्रोन और मिसाइलें दागी गई। इनका मुख्य निशाना यूक्रेन का पश्चिमी भाग था। यूक्रेनी वायु सेना ने कहा कि मॉस्को ने 502 ड्रोन और 24 मिसाइलें दागीं। यूक्रेन के पश्चिमी भाग में क्षेत्रीय अधिकारियों ने कहा कि इस हमले में कई लोग घायल हुए हैं। जबकि सैकड़ों घरों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचा है।
वायु सेना ने आगे कहा, "तीन मिसाइलें और 69 ड्रोन 14 जगहों पर गिरे। इनका मलबा 14 जगहों पर गिरा।" न्यूज एजेसी AFP के अनुसार, यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों ने बताया कि रूस ने 502 मानवरहित हवाई वाहन और 24 मिसाइलें पहले ही तैनात की थी। पश्चिमी क्षेत्रों के अधिकारियों ने आशंका व्यक्त की है कि इन हमलों में कुछ लोगों के मारे जाने की भी आशंका है। फिलहाल, राहत-बचाव कार्य जारी है।
'रॉयटर्स' ने यूक्रेनी अधिकारियों के हवाले से बताया कि रूस के रातोंरात किए गए व्यापक हवाई हमले में कम से कम चार रेलवे कर्मचारी घायल हो गए। इसके बाद पोलैंड को रक्षा विमान भेजने पड़े। यूक्रेनी सरकारी रेलवे ने टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर बताया कि यूक्रेन के मध्य क्षेत्र किरोवोहराद में हमले के बाद चार कर्मचारी अस्पताल में भर्ती हैं। साथ ही, रेल सुविधाओं को हुए नुकसान के कारण कई सेवाओं में देरी की चेतावनी भी दी।
ये हमले ऐसे समय में हुए जब राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के उपलक्ष्य में चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित एक सैन्य परेड में शामिल हुए हैं। इस परेड में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चेतावनी दी थी कि दुनिया के सामने शांति और युद्ध के बीच चुनाव करने का विकल्प है।
यूक्रेनी अधिकारियों और मीडिया ने बताया कि यूक्रेन में घंटों हवाई हमले की चेतावनी जारी की गई। कीव से लेकर पश्चिम में ल्वीव और वोलिन तक फैले इसके 24 में से 9 क्षेत्रों में विस्फोट सुने गए। इस बीच, यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसी और नाटो सदस्य पोलैंड ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपने और सहयोगी विमानों को सक्रिय कर दिया है।
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब भारत एवं अमेरिका के संबंध पिछले दो दशक के संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति और उनके प्रशासन द्वारा भारत की लगातार आलोचना किए जाने के कारण संबंधों में तनाव बढ़ गया है।