रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से लड़ाई (Russia-Ukraine War) चल रही है और अब इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस को कड़ी चेतावनी दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को इस बात का संकेत दिया कि अगर व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन से लड़ाई नहीं रोकते हैं तो रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। ट्रंप ने कहा कि उनके दिमाग में इसे लेकर काफी कुछ गंभीर चल रहा है लेकिन वह इसे समाप्त होते देखना चाहते हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि यदि यूक्रेन के साथ रूस शांति वार्ता शुरू करने में सफल नहीं रहता है तो उसे परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप लंबे समय से किसी देश के खिलाफ आर्थिक हथियार का इस्तेमाल की बात कहते रहे हैं। भारत पर भी उन्होंने रूस से तेल की खरीदारी के चलते 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी जिसके बाद भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया।
रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई अब भी जारी है, भले ही युद्धविराम को लेकर बातचीत हो रही हो। ट्रंप इससे पहले भी कड़े शब्दों में चेतावनी दे चुके हैं, लेकिन अब तक उन्होंने रूस पर वे आर्थिक प्रतिबंध नहीं लगाए हैं जिनकी धमकी वे पहले से देते आए हैं। अब उनकी नई चेतावनी युद्ध को समाप्त करने के उनके हालिया प्रयासों का हिस्सा है। रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से लंबे समय से लड़ाई चल रही है।
Russia-Ukraine War: कहां तक पहुंचा मामला?
यूक्रेन के राष्ट्रपति बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन रूस ने कहा कि इस प्रकार की बातचीत को लेकर अभी कोई बैठक तय नहीं हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच एक-एक करके सीधी बातचीत की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप ने व्हाइट हाउस में एक कैबिनेट बैठक के दौरान कहा कि यह विश्व युद्ध नहीं होगा, लेकिन यह एक आर्थिक युद्ध होगा। उन्होंने आगे कहा कि आर्थिक युद्ध बहुत बुरा होना वाला है और यह रूस के लिए खराब साबित होगा और वह ऐसा नहीं चाहते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जेलेंस्की भी पूरी तरह निर्दोष नहीं हैं। डिप्लोमेटिक लेवल पर कोशिशें धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हैं लेकिन अमेरिका और यूरोपीय अधिकारी भविष्य में किसी समझौते की स्थिति में यूक्रेन के लिए सुरक्षा की गारंटी पर भी चर्चा कर रहे हैं। इसमें हवाई समर्थन या खुफिया जानकारी साझा करना शामिल हो सकता है।