Sabita Bhandari: नेपाल में वरिष्ठ अधिवक्ता सबिता भंडारी को देश का नया अटॉर्नी जनरल नियुक्त किया गया है, जिसके साथ ही वह यह पद संभालने वाली नेपाल की पहली महिला बन गई हैं। उनकी नियुक्ति कार्यवाहक प्रधानमंत्री सुशीला कार्की की सिफारिश पर राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने की है। प्रधानमंत्री कार्की खुद भी नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं और यह फैसला उनके कार्यकाल की शुरुआत में ही लिया गया है।
PM कार्की ने लिया ऐतिहासिक फैसला पर, उठ रहे सवाल
Gen-Z के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शन के बीच सत्ता में आई प्रधानमंत्री कार्की के इस फैसले को एक मजबूत संदेश माना जा रहा है। बता दें कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों की 'भ्रष्टाचार खत्म करने' की मांगों को पूरा करने का वादा किया है। हालांकि, भंडारी की नियुक्ति को लेकर कुछ विवाद भी सामने आए हैं। आलोचकों ने उनके अतीत को लेकर सवाल उठाए हैं, जब उन्होंने एक नाबालिग से रेप के आरोपी क्रिकेटर संदीप लामिछाने के कानूनी प्रतिनिधि के रूप में काम किया था। कुछ लोगों का मानना है कि यह संबंध उनकी योग्यता पर सवाल उठाता है। वहीं, कुछ अन्य लोगों का तर्क है कि इस शीर्ष कानूनी पद के लिए उनके कानूनी अनुभव का महत्व किसी भी पिछले मामले से ज्यादा है।
भयंकर उथल-पुथल बाद हुआ तख्तापलट
यह नियुक्ति नेपाल में हुए बड़े राजनीतिक बदलावों के बाद हुई है। आपको बता दें कि नेपाल में अशांति तब शुरू हुई जब अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके बाद हुए विरोध प्रदर्शनों ने लंबे समय से चली आ रही आर्थिक और शासन संबंधी शिकायतों को हवा दी। दो दिनों के भीतर, प्रमुख सरकारी इमारतों और संसद को आग लगा दी गई थी। इस अशांति में कम से कम 72 लोगों की जान चली गई और 191 लोग घायल हुए। इसे 2008 में गृहयुद्ध की समाप्ति और राजशाही के उन्मूलन के बाद सबसे बुरी अशांति बताया गया है।
नेपाल में आर्थिक मुद्दे भी तनाव का एक बड़ा कारण हैं। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल में 15-24 वर्ष की आयु के पांच में से एक व्यक्ति बेरोजगार है, और प्रति व्यक्ति जीडीपी केवल 1,447 अमेरिकी डॉलर है।