Sheikh Hasina News: बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल में मानवता के खिलाफ अपराध के एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ उनकी अनुपस्थिति में गुरुवार (10 जुलाई) को औपचारिक रूप से आरोप तय किए गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने बताया कि स्पेशल ट्रिब्यूनल ने मुकदमे की शुरुआत की तारीख तीन अगस्त तय की है। अभियोजकों ने कहा कि हसीना के खिलाफ विद्रोह को दबाने के लिए नरसंहार, हत्या और यातना देने का भी आरोप लगाया गया है।
अभियोजन के वकील ने पत्रकारों को बताया. "बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT-BD) ने हसीना के साथ-साथ उनके शासन के दौरान गृह मंत्री रहे असदुज्जमां खान कमाल और (तत्कालीन) पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) चौधरी अब्दुल्ला अल मामून के खिलाफ भी आरोप तय किए हैं।"
तीनों के खिलाफ पिछले साल जुलाई-अगस्त में छात्रों के नेतृत्व वाले विरोध प्रदर्शनों को दबाने के उनके प्रयासों के लिए मानवता के खिलाफ अपराध का मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। उन्होंने बताया कि एकमात्र मौजूद आरोपी मामून को अदालत के समक्ष पेश किया गया, जहां उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
बाकी दो आरोपियों हसीना और खान की अनुपस्थिति में मुकदमा चलेगा। पिछले साल बांग्लादेश में हुए हिंसक छात्र आंदोलन के चलते अवामी लीग सरकार के बर्खास्त होने के बाद हसीना पांच अगस्त को भारत चली गई थीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जस्टिस गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार की अध्यक्षता वाले तीन सदस्यीय पैनल ने शेख हसीना, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल और पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल मामून पर पांच आरोपों में अभियोग लगाया।
पिछले साल 5 अगस्त को शेख हसीना के अवामी लीग के साथ 16 साल के शासन को एक हिंसक जन-विद्रोह में उखाड़ फेंका गया था। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायोग की एक समिति का अनुमान है कि इन विरोध प्रदर्शनों में लगभग 1,400 लोग मारे गए थे।
तब से 77 वर्षीय हसीना भारत में रह रही हैं। बांग्लादेशी अदालतों में उन पर कई मामले चल रहे हैं, जिनमें उन पर सामूहिक हत्याओं, मानवता के विरुद्ध अपराधों और जबरन गायब करने जैसे कई आरोप लगाए गए हैं।