फ्रॉड और किडनैपिंग बढ़ रही है! ईरान ने भारतीयों की वीजा फ्री एंट्री पर लगाई रोक

ईरान ने भारतीय पर्यटकों के लिए जो वीजा-फ्री एंट्री की सुविधा दी थी, वह खासतौर पर टूरिज्म के लिए थी, जिसमें किसी भी तरह का रोजगार शामिल नहीं था। यह सुविधा छह महीने में एक बार 15 दिनों के लिए मान्य थी। ईरान के ऐतिहासिक शहर जैसे इस्फहान और शीराज, तीर्थस्थल कोम और मशहद, और रेगिस्तान और प्राचीन सिल्क रोड रूट भारतीय यात्रियों के बीच बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं

अपडेटेड Nov 18, 2025 पर 5:21 PM
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ईरान ने भारतीयों की वीजा फ्री एंट्री पर लगाई रोक

ईरान ने भारत के लोगों की वीजा-फ्री एंट्री रोक दी है। 22 नवंबर से भारतीय लोगों को ईरान में वीजा फ्री एंट्री नहीं मिलेगी। क्योंकि तेहरान ने फ्रॉड और तस्करी के मामलों में बढ़ोतरी के बाद इस सुविधा को सस्पेंड कर दिया है। ईरान ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2024 में भारतीयों के लिए वीजा में छूट देने की शुरुआत की थी। हालांकि, तब से ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें भारतीयों को नौकरी के झूठे वादे या दूसरे देशों में ट्रांजिट का आश्वासन देकर इस्लामी देश में लाया गया, जिसके कारण तेहरान को यह कदम उठाना पड़ा।

भारत में ईरानी दूतावास ने X पर एक पोस्ट में कहा, "इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान में साधारण पासपोर्ट रखने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एकतरफा टूरिज्म वीजा कैंसिलेशन नियमों को 22 नवंबर 2025 तक निलंबित कर दिया गया है।"

इसमें आगे कहा गया, "इस तारीख से, सामान्य पासपोर्ट वाले भारतीय नागरिकों को इस्लामी गणराज्य ईरान में प्रवेश करने या वहां से गुजरने के लिए वीजा लेना जरूरी होगा।"


ईरान में फ्रॉड और तस्करी

इस साल मई में, पंजाब के तीन युवक, जो ऑस्ट्रेलिया जाने के लिए गैरकानूनी रास्ते से निकले थे, ईरान में अगवा कर लिए गए। इनके नाम हुसनप्रीत सिंह (संगरूर), जसपाल सिंह (एसबीएस नगर) और अमृतपाल सिंह (होशियारपुर) हैं। पंजाब के एक एजेंट ने उन्हें दुबई-ईरान रूट से ऑस्ट्रेलिया भेजने का वादा किया था और यह आश्वासन दिया था कि उन्हें ईरान में ठहरने की व्यवस्था मिलेगी।

लेकिन जब ये 1 मई को ईरान पहुंचे, तो उनका अपहरण कर लिया गया। अपहरणकर्ताओं ने उनके परिवारों से 1 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी। भारतीय सरकार की मांग पर ईरानी अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया और इन तीनों युवकों को सुरक्षित बचा लिया गया।

सितंबर में, भारत ने ईरान में काम की तलाश कर रहे अपने नागरिकों को "कड़ी सतर्कता" बरतने की चेतावनी जारी की, क्योंकि वहां नकली नौकरी के मामलों में इजाफा हुआ है।

यह पूरा मामला मानव तस्करी और धोखाधड़ी से जुड़ा है, जिसमें युवकों को धोखे में डाल कर खतरनाक रास्तों से भेजा गया और फिर अफरातफरी के बीच उनका अपहरण किया गया।

भारत की प्रतिक्रिया

विदेश मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार का ध्यान ऐसे कई मामलों की ओर गया है, जिसमें भारतीय नागरिकों को रोजगार के झूठे वादे या तीसरे देशों में यात्रा का आश्वासन देकर ईरान में फंसाया जा रहा था।

मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि "साधारण भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए उपलब्ध वीजा छूट सुविधा का फायदा उठाकर लोगों को ईरान जाने के लिए बहकाया जा रहा था। ईरान पहुंचने पर कई लोगों का फिरौती के लिए अपहरण कर लिया गया।"

इन घटनाओं के मद्देनजर, तेहरान सरकार ने साधारण भारतीय पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट सुविधा को रद्द कर दिया है।

यह कदम आपराधिक तत्वों की ओर से सुविधा के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है। अब से, सामान्य भारतीय पासपोर्ट वाले नागरिकों को ईरान में एंट्री या वहां से ट्रांजिट के लिए वीजा लेना अनिवार्य होगा।

विदेश मंत्रालय ने उन सभी भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और ऐसे एजेंटों से बचने की सलाह दी है, जो वीजा-फ्री यात्रा या ईरान के रास्ते तीसरे देशों में आगे की यात्रा का झांसा देते हैं।

ईरान में भारतीयों के लिए वीजा फ्री एंट्री

ईरान ने भारतीय पर्यटकों के लिए जो वीजा-फ्री एंट्री की सुविधा दी थी, वह खासतौर पर टूरिज्म के लिए थी, जिसमें किसी भी तरह का रोजगार शामिल नहीं था। यह सुविधा छह महीने में एक बार 15 दिनों के लिए मान्य थी। ईरान के ऐतिहासिक शहर जैसे इस्फहान और शीराज, तीर्थस्थल कोम और मशहद, और रेगिस्तान और प्राचीन सिल्क रोड रूट भारतीय यात्रियों के बीच बहुत लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं।

ईरान एक प्रमुख ट्रांजिट पॉइंट भी है, खासकर बजट यात्रियों के लिए जो यूरोप या सेंट्रल एशिया की यात्रा कर रहे होते हैं।

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