Sheikh Hasina: बांग्लादेश की इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। यह फैसला 2024 के छात्र आंदोलन पर कार्रवाई से जुड़ा है, जिसमें कई लोग मारे गए थे। शेख हसीना फिलहाल भारत में हैं। वहीं अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को भारत से मांग की है कि शेख हसीना को उनके हवाले किया जाए। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत से निर्वासित पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को तुरंत सौंपने की मांग की है।
बांग्लादेश ने भारत से की ये मांग
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण समझौता मौजूद है। मंत्रालय के अनुसार, “अगर कोई देश ऐसे लोगों को पनाह देता है, जिन्हें मानवता के विरुद्ध अपराधों में दोषी ठहराया गया है, तो यह न्याय के खिलाफ माना जाएगा। हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह इन दोषियों को तुरंत बांग्लादेश के अधिकारियों को सौंप दे।”
भारत ने दी ये प्रतिक्रिया
वहीं बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ आए हालिया फैसले पर भारत के विदेश मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। मंत्रालय ने कहा कि भारत ने बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा दिए गए इस फैसले को संज्ञान में लिया है। बयान में कहा गया कि भारत, एक करीबी पड़ोसी होने के नाते, हमेशा बांग्लादेश के लोगों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है। इसमें उस देश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता को बनाए रखना शामिल है। विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत भविष्य में भी बांग्लादेश के सभी पक्षों से रचनात्मक और सकारात्मक तरीके से जुड़ा रहेगा।
बांग्लादेश अंतरिम सरकार ने लोगों से की अपील
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ आए फैसले का स्वागत किया है। सरकार ने इस फैसले को “ऐतिहासिक” बताया और कहा कि 2024 की हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार लंबे समय से इसी न्याय की मांग कर रहे थे। अंतरिम सरकार ने देशभर में शांति बनाए रखने की अपील भी की। उसने कहा कि लोगों को अपनी प्रतिक्रिया शांतिपूर्ण और कानून के दायरे में रखनी चाहिए। सरकार के बयान में कहा गया, “मानवता के खिलाफ अपराधों में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को दी गई मौत की सज़ा एक महत्वपूर्ण फैसला है। इसकी गंभीरता को ध्यान में रखते हुए, हम समाज के सभी वर्गों से शांत, संयमित और ज़िम्मेदार रहने की अपील करते हैं।”
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे शेख हसीना के खिलाफ आए फैसले के बाद शांत रहें। सरकार ने कहा कि यह फैसला बेहद भावनात्मक है, लेकिन इसके कारण देश में अराजकता नहीं फैलनी चाहिए। उनका कहना है कि लंबे समय से इंतज़ार किए जा रहे इस निर्णय से खासकर उन परिवारों की भावनाएँ गहरी हो सकती हैं, जिनके प्रियजनों की मौत जुलाई 2024 की घटनाओं में हुई थी। सरकार ने सभी नागरिकों को चेतावनी दी है कि कोई भी व्यक्ति गुस्से या उकसावे में आकर हिंसा, अव्यवस्था या किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि में शामिल न हो। बयान में कहा गया, “फैसले के बाद भावनाएँ भड़क सकती हैं, लेकिन यह ज़रूरी है कि सभी लोग संयम रखें और कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में सहयोग करें।