Donald Trump Administration: अमेरिका ने मंगलवार को भारतीय छात्रों सहित सभी विदेशी छात्रों को एक सख्त चेतावनी दी है। अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि अगर कोई छात्र अपनी क्लास छोड़ता है या अपने कोर्स को बिना संस्थान को बताए बीच में छोड़ देता है, तो उसका वीजा रद्द हो सकता है और भविष्य में उसे अमेरिकी वीजा मिलने में परेशानी हो सकती है।
वीजा रद्द होने का खतरा, भविष्य में एंट्री बंद!
अमेरिका में पढ़ रहे छात्रों के लिए ये चेतावनी ऐसे समय में आई है जब ट्रंप प्रशासन विदेशी नागरिकों पर सख्ती बढ़ा रहा है। इस बीच कई विदेशी छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है। भारत में अमेरिकी दूतावास के बयान के अनुसार, जिन छात्रों को क्लास छोड़ते हुए या बिना अपने संस्थान को बताए कोर्स छोड़ते हुए पाया जाएगा, उनके वीजा रद्द होने का जोखिम हो सकता है। इतना ही नहीं, उन्हें भविष्य में कोई भी अमेरिकी वीजा अप्लाई करने के लिए अयोग्य हो सकते है।
डिपोर्टेशन अभियान के बीच नई चेतावनी
यह नई चेतावनी अमेरिका द्वारा इस साल की शुरुआत में चलाए गए बड़े पैमाने पर डिपोर्टेशन(देश निकाला) अभियान के बाद आई है। इससे पहले इसी महीने, अमेरिकी इमिग्रेशन और कस्टम इन्फोर्समेंट (ICE) ने अमेरिका में ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग(OPT) वीजा पर अंतरराष्ट्रीय छात्रों को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि यदि वे अपनी OPT शुरू करने के 90 दिनों के भीतर अपनी जॉब की रिपोर्टिंग नहीं करते हैं, तो उनका लीगल स्टेटस को रद्द कर दिया जाएगा।
भारत में अमेरिकी दूतावास ने इसी महीने की शुरुआत में भारतीय प्रवासियों के लिए भी एक चेतावनी जारी की थी और उन्हें डिपोर्टेशन की चेतावनी दी थी। भारत में अमेरिकी दूतावास ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, 'यदि आप अपनी निर्धारित अवधि से ज्यादा समय तक अमेरिका में रहते हैं, तो आपको डिपोर्ट किया जा सकता है। इसके साथ ही भविष्य में USA की यात्रा करने पर स्थायी प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।' उन्होंने बताया था कि ये चेतावनियां उन सभी छात्रों और प्रवासियों के लिए हैं जो अमेरिका में रहने और पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं या कर रहे हैं, ताकि वे सभी नियमों का सख्ती से पालन करें और किसी भी तरह की कानूनी परेशानी से बचें।
ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच चल रही खींचतान
पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के बीच तनाव काफी बढ़ गया। ट्रंप प्रशासन ने हाल ही में हार्वर्ड की अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को प्रवेश देने की क्षमता को सीमित कर दिया था, जिससे हजारों छात्रों, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, का भविष्य अनिश्चितता में पड़ गया। वहीं हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने ट्रंप प्रशासन के इस कदम को 'गैरकानूनी' और 'अकादमिक स्वतंत्रता पर हमला' बताया है। यूनिवर्सिटी ने तुरंत संघीय अदालत में एक मुकदमा दायर किया। मामले पर सुनवाई करते हुए संघीय न्यायालय ने ट्रंप प्रशासन के आदेश पर अस्थायी रोक लगा दी।