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Protests in London: लंदन में सड़कों पर उतरे लाखों लोग, पुलिस के साथ हुई झड़प...जानें क्यों हो रहा ये प्रदर्शन

Anti Immigration Protest : शनिवार को सेंट्रल लंदन में 1 लाख से ज़्यादा लोगों ने बड़ा मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में इंग्लैंड और ब्रिटेन के झंडे थे और उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन ने "यूनाइट द किंगडम" नाम से यह मार्च आयोजित किया था, जो व्हाइटहॉल तक गया

अपडेटेड Sep 14, 2025 पर 10:02 AM
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सेंट्रल लंदन में शनिवार को 1 लाख से ज्यादा लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया।

Anti Immigration Protest  : सेंट्रल लंदन में शनिवार को 1 लाख से ज्यादा लोगों ने विरोध प्रदर्शन कियाइस प्रोटेस्ट को 'यूनाइटकिंगडम' नाम दिया गया, जिसे एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन ने लीड कियाइसे ब्रिटेन की सबसे बड़ी दक्षिणपंथी रैली माना जा रहा हैहालांकि, रैली के दौरान तब हिंसा भड़क गई, जब रॉबिन्सन समर्थकों का एक समूह पुलिस और काउंटर-प्रोटेस्टर्स से भिड़ गयापुलिस पर बोतलें फेंकी गईं, कई अफसरों को मुक्के और लात मारी गईहालात बिगड़ने पर दंगा-रोधी दस्ते को तैनात करना पड़ाइस झड़प में 26 लोग घायल हैं

बता दें कि शनिवार को सेंट्रल लंदन में 1 लाख से ज़्यादा लोगों ने बड़ा मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथों में इंग्लैंड और ब्रिटेन के झंडे थे और उनकी पुलिस से झड़प भी हुई। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक,   एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन ने "यूनाइट द किंगडम" नाम से यह मार्च आयोजित किया था, जो व्हाइटहॉल तक गया। व्हाइटहॉल वही इलाका है जहां प्रधानमंत्री और कई सरकारी दफ्तर मौजूद हैं। लंदन की मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने बताया कि इस मार्च में करीब 1,10,000 लोग शामिल हुए थे

कौन हैं  एंटी-इमिग्रेशन नेता टॉमी रॉबिन्सन

रॉबिन्सन का असली नाम स्टीफ़न याक्सली-लेनन है। वह खुद को सरकारी करप्शन को उजागर करने वाला पत्रकार बताते हैं। हालांकि, उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, ब्रिटेन की सबसे बड़ी आप्रवासी-विरोधी राजनीतिक पार्टी रिफॉर्म यूके ने रॉबिन्सन से दूरी बनाई हुई है। रिफॉर्म यूके को महीनों में ओपिनियन पोल में अच्छी बढ़त मिली है। इसके जवाब में, संगठन "स्टैंड अप टू रेसिज़्म" ने भी व्हाइटहॉल के दूसरे छोर पर एक विरोध प्रदर्शन किया। इसमें करीब 5,000 लोग शामिल हुए। पुलिस का कहना था कि इतनी बड़ी भीड़ की उम्मीद नहीं थी और यह रैली "व्हाइटहॉल की क्षमता से कहीं ज्यादा बड़ी" साबित हुई।


पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश कर रही पुलिस को हिंसा का सामना भी करना पड़ा। अधिकारियों पर लात-घूंसे मारे गए और उनके ऊपर बोतलें, फ्लेयर्स और अन्य सामान फेंके गए।

लंदन में हुए विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी अहम बातें

  • 25 गिरफ्तारियां पुलिस के मुताबिक झड़पों में 26 अधिकारी घायल हुए, जिनमें से 4 की हालत गंभीर है। कुल 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है, आगे और कार्रवाइयां होंगी। सहायक आयुक्त मैट ट्विस्ट ने कहा कि पुलिस उन लोगों की पहचान कर रही है जो इस हिंसा में शामिल थे। आने वाले दिनों और हफ़्तों में उन्हें कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
  • ब्रिटेन सरकार बदलने की मांग रैली के दौरान एक वीडियो लिंक में अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने ब्रिटेन में सरकार बदलने की अपील की। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश जनता अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करने से डर रही है। वहीं एलॉन मस्क ने ब्रिटिश राजनीति में दखल देते हुए रॉबिन्सन और अन्य नेताओं का समर्थन किया है। रॉबिन्सन ने अपने समर्थकों से कहा, "आज ग्रेट ब्रिटेन में सांस्कृतिक क्रांति की चिंगारी जली है, यह हमारा क्षण है।" उन्होंने इसे "देशभक्ति की लहर" बताया।
  • इन प्रदर्शनों के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ा कारण है कि ब्रिटेन में इमिग्रेशन  एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। देश की कमजोर अर्थव्यवस्था की चिंताओं के बीच शरणार्थियों के दावों की रिकॉर्ड संख्या ने इस बहस को और तेज़ कर दिया है।

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