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Tariff War: चीनी सामान पर घटकर 80% पर आ सकते हैं अमेरिकी टैरिफ, डोनाल्ड ट्रंप ने दिया संकेत

Tariff War: अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और चीफ ट्रेड निगोशिएटर जैमीसन ग्रीर, स्विट्जरलैंड में चीन के हे लाइफेंग से बातचीत के लिए मिलने वाले हैं। चीन पर अमेरिकी टैरिफ की दर 145 प्रतिशत तक है, वहीं चीन ने भी अमेरिकी सामान पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिए हैं

अपडेटेड May 09, 2025 पर 9:38 PM
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ट्रंप ने कहा है कि बंद बाजार अब काम नहीं करते।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका आने वाले चीनी सामान पर 80% टैरिफ लगाना सही लगता है। दोनों देशों के प्रतिनिधि, ट्रेड वॉर को रोकने के लिए वीकेंड पर बातचीत करने वाले हैं।उससे पहले ट्रंप का ऐसा प्रपोजल एक पॉजिटिव संकेत माना जा रहा है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और चीफ ट्रेड निगोशिएटर जैमीसन ग्रीर, स्विट्जरलैंड में चीन के हे लाइफेंग से बातचीत के लिए मिलने वाले हैं।

यह दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार पर विवाद को हल करने की दिशा में पहला कदम हो सकता है। ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, "चीन को अपना बाजार अमेरिका के लिए खोलना चाहिए। यह उनके लिए बहुत अच्छा होगा!!! बंद बाजार अब काम नहीं करते!!! चीन पर 80% टैरिफ लगाना सही लगता है। स्कॉट बी पर निर्भर करता है।"

चीन के लिए अभी 145 प्रतिशत तक है टैरिफ की दर


इस साल जनवरी में दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने ट्रंप ने चीन से अमेरिका आने वाले सामानों पर टैरिफ बढ़ाकर 145% कर दिए। उन्होंने अपने पहले कार्यकाल के दौरान भी कई चीनी सामानों पर टैरिफ लगाया था।बाइडेन प्रशासन ने भी चीन पर टैरिफ लगाए थे। चीन ने भी अमेरिकी सामान पर टैरिफ बढ़ाकर 125% कर दिए हैं। साथ ही धरती के कुछ दुर्लभ एलिमेंट्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है और सोयाबीन, लिक्वफाइड नेचुरल गैस सहित चुनिंदा प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त टैरिफ लगाए हैं।

इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि वे सार्थक बातचीत के लिए चीन पर टैरिफ कम नहीं करेंगे। लेकिन गुरुवार को ओवल ऑफिस में उपस्थिति के दौरान उन्होंने नरमी के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि अगर वीकेंड की बातचीत अच्छी रही तो वह चीनी सामान पर टैरिफ कम कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की टीम ने स्वीकार किया है कि 145% टैरिफ टिकाऊ नहीं हैं, क्योंकि उस दर पर टैक्स, प्रभावी रूप से दोनों देशों के बीच किसी भी व्यापार पर एक तरह का प्रतिबंध है।

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