Donald Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को एक चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत जल्द ही रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। ट्रंप ने इस कदम को रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने की दिशा में 'एक बड़ा कदम' बताया। हालांकि, भारत की ओर से अभी तक इस दावे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
'रूस से कोई तेल खरीद नहीं होगी...'
ट्रंप ने यह टिप्पणी अमेरिकी राजदूत नामित सर्जियो गोर और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हालिया मुलाकात से संबंधित एक सवाल के जवाब में दी। ट्रंप ने पीएम मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा, 'मोदी एक महान व्यक्ति हैं। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि रूस से कोई तेल खरीद नहीं होगी। वह तुरंत ऐसा नहीं कर सकते।' ट्रंप ने आगे कहा कि 'यह थोड़ी लंबी प्रक्रिया है, लेकिन यह प्रक्रिया जल्द ही खत्म होने वाली है।' उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर भारत रूस से तेल नहीं खरीदता है, तो इससे मॉस्को को अलग-थलग करना बहुत आसान हो जाएगा।
भारत पर टैरिफ के बावजूद भी है रूसी तेल का दूसरा बड़ा खरीददार
ट्रंप के इस दावे को यूक्रेन संघर्ष की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। अमेरिका लगातार रूस पर आर्थिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। भारत ने अमेरिकी दबाव के बावजूद रूस से तेल खरीदना जारी रखा है और स्पष्ट किया है कि देश अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर और सबसे अच्छी संभव दरों पर ऊर्जा सुरक्षित करेगा। इन दबावों के बावजूद, नई दिल्ली अभी भी रूसी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बना हुआ है। इसका एक मुख्य कारण है कि रूस का यूराल्स ग्रेड कच्चा तेल रियायती दरों पर उपलब्ध है।
आपको बता दें कि अगस्त में ट्रंप ने रूसी तेल खरीदने के कारण भारत के खिलाफ 50% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, और अन्य उत्पादों पर भी 25% शुल्क लगाया था, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार तनाव बढ़ गया था।
रोज नए-नए दावे करते है ट्रंप
यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के ऊर्जा संबंधों को लेकर इस तरह के दावे किए हैं। ट्रंप पहले भी ऐसे ही दावे कर चुके हैं, जिन्हें भारत ने खारिज कर दिया था। ट्रंप ने पहले भी धमकी दी थी कि जब तक रूस के साथ नई दिल्ली के ऊर्जा संबंध 'सुलझ' नहीं जाते, तब तक भारत के साथ व्यापार वार्ता रोक दी जाएगी। चूंकि भारत सरकार ने अभी तक इस नए दावे पर कोई टिप्पणी नहीं की है, इसलिए कूटनीतिक हलकों में यह सवाल बना हुआ है कि क्या पीएम मोदी ने वास्तव में ऐसा कोई आश्वासन दिया है, या यह ट्रंप का केवल राजनीतिक बयान है।