Trump Tariffs: 50% टैरिफ के खिलाफ तीन अमेरिकी सांसद, भारत के पक्ष में प्रस्ताव पेश

Trump Tariffs: भारतीय सामानों पर अमेरिका की ट्रंप सरकार ने 50% का टैरिफ लगाया हुआ है। इसके खिलाफ अमेरिका में ही प्रस्ताव पेश हो रहे हैं। अब तीन अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया है। इससे पहले अक्टूबर की शुरुआत में भी ऐसा प्रस्ताव आ चुका है। जानिए पूरा मामला क्या है और सांसदों का तर्क क्या है?

अपडेटेड Dec 13, 2025 पर 9:54 AM
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ट्रंप सरकार ने 1 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाया था, जिसके कुछ ही दिनों बाद इसमें और 25% जोड़ दिया गया। ट्रंप सरकार ने रूस से तेल की खरीदारी की चलते भारत पर 25% का टैरिफ और थोपा था।

Trump Tariffs: अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के तीन सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के घोषित किए गए राष्ट्रीय आपातकाल को खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया है। इसी आपातकालीन ऐलान के तहत भारत से आयात होने वाले सामानों पर 50% तक टैरिफ लगाया गया था। अमेरिकी सांसदों ने इन टैरिफ को गैरकानूनी बताया और चेतावनी दी कि इससे अमेरिकी वर्कर्स, कंज्यूमर्स और भारत-अमेरिका संबंधों को नुकसान पहुँचेगा। यह रिजॉल्यूशन अमेरिकी सांसदों डेबोरा रॉस (Deborah Ross), मार्क वीसि (Marc Veasey) और राजा कृष्णमूर्ति (Raja Krishnamoorthi) ने पेश किया। इससे पहले एक और प्रस्ताव के जरिए ब्राजील पर लगाए गए इसी तरह के आपातकाल-आधारित टैरिफ को वापस लेने और राष्ट्रपति की आपात शक्तियों के जरिए टैरिफ लगाने की शक्ति को सीमित करने की कोशिश की गई थी।

भारत पर टैरिफ को लेकर क्या है प्रस्ताव में?

तीन अमेरिकी सांसदों ने जो प्रस्ताव पेश किया है, उसमें 27 अगस्त 2025 को भारत पर लगाए गए 25% के अतिरिक्त टैरिफ को रद्द करने की मांग की गई। पहले के रेसिप्रोकल टैरिफ को लेकर इंटरनेशनल इमरजेंसी इकनॉमिक पावर्स एक्ट (IEEPA) के तहत कई भारतीय सामानों पर टैरिफ बढ़कर 50% हो गया। नॉर्थ कैरोलिना की सांसद डेबोरा रॉस का कहना है कि नॉर्थ कैरोलिना की अर्थव्यवस्था व्यापार, निवेश और जीवंत भारतीय-अमेरिकी समुदाय के जरिए भारत से गहराई से जुड़ी है। उनका कहना है कि भारतीय कंपनियों ने राज्य में $100 करोड़ से अधिक का निवेश किया है, जिससे हजारों नौकरियां तैयार हुई हैं, साथ ही नॉर्थ कैरोलिना से हर साल भारत को करोड़ों डॉलर का सामान भी जाता है।


अमेरिकी सांसद मार्क वीसि का भी कहना है कि भारत एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक, आर्थिक और रणनीतिक साझेदार है, और गैरकानूनी टैरिफ पहले से बढ़ती महंगाई से जूझ रहे नॉर्थ टेक्सस के आम लोगों पर टैक्स के समान हैं। अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति का भी मानना है कि टैरिफ से ही अमेरिका को तगड़ा झटका लग सकता है। उन्होंने कहा टैरिफ से सप्लाई चेन प्रभावित हो रही है, अमेरिकी वर्कर्स को नुकसान हो रहा है और कंज्यूमर्स के लिए लागत बढ़ी है। उनका कहना है कि टैरिफ को समाप्त करने से अमेरिका को भारत के साथ मिलकर आर्थिक और सिक्योरिटीज की जरूरतों को आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा।

पहले भी भारत के समर्थन में आ चुका है प्रस्ताव

ट्रंप के टैरिफ के खिलाफ डेमोक्रेट सांसद पहले ही प्रस्ताव पेश कर चुके हैं। अक्टूबर की शुरुआत में रॉस, वीसि और कृष्णमूर्ति ने सांसद रो खन्ना (Ro Khanna) और 19 अन्य सांसदों के साथ राष्ट्रपति से टैरिफ वापस लेने और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की अपील की थी। बता दें कि ट्रंप सरकार ने 1 अगस्त से भारतीय सामानों पर 25% टैरिफ लगाया था, जिसके कुछ ही दिनों बाद इसमें और 25% जोड़ दिया गया। ट्रंप सरकार ने रूस से तेल की खरीदारी की चलते भारत पर 25% का टैरिफ और थोपा था।

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