Adani Green Energy Case: एक फोन कॉल, खत्म हो गया अदाणी ग्रीन की इनसाइडर ट्रेडिंग का पूरा मामला

Adani Green Energy Case: इनसाइडर ट्रेडिंग और गोपनीय जानकारियों के साझा करने से जुड़े मामले को लेकर बाजार नियामक सेबी ने प्रणव अदाणी और उनके दो संबंधियों को कारण बताओ नोटिस भेजा था। हालांकि जिस फोन कॉल को सेबी अहम कड़ी मानकर चल रहा था, उसी के चलते सेबी ने इन्हें बरी कर दिया। जानिए पूरा मामला क्या है और फोन कॉल की क्या भूमिका रही?

अपडेटेड Dec 13, 2025 पर 8:51 AM
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Adani Green Energy Case: SEBI ने शुक्रवार को अदाणी ग्रुप की कई कंपनियों के डायरेक्टर और दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी के भतीजे प्रणव अदाणी को कीमतों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां साझा करने और इनसाइड ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के उल्लंघन के आरोपों से बरी कर दिया।

Adani Green Energy Case: अदाणी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है। बाजार नियामक SEBI (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने शुक्रवार को अदाणी ग्रुप की कई कंपनियों के डायरेक्टर और दिग्गज कारोबारी गौतम अदाणी के भतीजे प्रणव अदाणी को कीमतों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां साझा करने और इनसाइड ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के उल्लंघन के आरोपों से बरी कर दिया। सेबी ने सिर्फ प्रणव अदाणी ही नहीं बल्कि उनके दो अन्य रिश्तेदारों को भी इन आरोपों से मुक्त कर दिया है। इस मामले में सेबी ने प्रणव अदाणी के साथ-साथ उनकी बहन के पति निरुपल धनपाल भाई शाह (Nrupal Dhanpalbhai Shah) और कजिन के पति कुणाल धनपाल भाई शाह (Kunal Dhanpalbhai Shah) को नोटिस भेजा था।

क्या था पूरा मामला?

सेबी ने जिस मामले में प्रणव अदाणी और उनके संबंधियों को क्लीन चिट दी है, वह ये था कि क्या प्रणव अदाणी ने एसबी एनर्जी के अधिग्रहण से जुड़े गोपनीय और प्राइस-सेंसिटिव इंफॉर्मेशन किसी को सार्वजनिक होने से पहले साझा किए थे। एसबी एनर्जी का अधिग्रहण अदाणी ग्रीन ने किया था। इस बात की जांच के लिए सेबी ने 28 जनवरी 2021 से 20 अगस्त 2021 के बीच अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयरों के लेन-देन की जांच की। नवंबर 2023 में जांच रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सेबी को लगा कि मामले में इनसाइड ट्रेडिंग से जुड़े नियमों का उल्लंघन हो सकता है और इसलिए प्रणव अदाणी, कुणाल धनपाल भाई शाह और निरुपल धनपाल भाई शाह को 10 नवंबर 2023 की तारीफ में कारण बताओ नोटिस जारी किया गया।


जांच में क्या आया सामने?

सेबी ने मामले की विस्तार से जांच की। इसमें सेबी को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिसमें यह सामने आए कि प्रणव अदाणी ने किसी भी तरह की गोपनीय जानकारी साझा की हो या शाह बंधुओं ने अंदरूनी जानकारी के आधार पर शेयरों का लेन-देन किया हो। सेबी ने अपने 50 पेज के आदेश में कहा है कि 16 मई 2021 की कॉल प्रणव की तरफ किसी गोपनीय जानकारी को साझा करने के लिए नहीं हुई थी। कुणाल और निरुपल ने किसी गोपनीय जानकारी से प्रभावित होने की बजाय अपनी समझ से शेयरों का लेन-देन किया।

इस केस का अहम हिस्सा एक फोन कॉल थी। यह कॉल कुणाल ने प्रणव अदाणी को 16 मई 2021 को थी जिसे सेबी यह मानकर चल रहा था कि इसमें गोपनीय जानकारियां साझा हुई थीं। हालांकि जांच में सेबी को पता चला कि एसबी एनर्जी के अधिग्रहण की जानकारी उसी दिन इस कॉल से पहले ही खबरों में आ गई थी। बता दें कि 19 मई 2021 को अदाणी ग्रीन एर्जी ने सुबह 08:20:21 पर ऐलान किया था कि एसबी एनर्जी के अधिग्रहण के लिए इसने सॉफ्टबैंक ग्रुप और भारती ग्लोबल के साथ शेयर पर्चेज एग्रीमेंट्स किया है।

अब चूंकि सेबी ने पाया कि शेयरों के लेन-देन में किसी अंदरूनी जानकारी का इस्तेमाल नहीं हुआ था तो कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है और न ही कोई निर्देश जारी किया गया है। इसी के साथ ही सेबी ने नवंबर 2023 में जारी कारण बताओ नोटिस का निपटारा कर दिया और मामला खत्म हो गया।

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