'रूसी तेल खरीदना बंद करो, वरना भारी-भरकम टैरिफ चुकाते रहो', ट्रंप ने फिर दी भारत को गीदड़ भभकी

Trump Tariff: भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को ट्रंप के दावे पर सीधे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था कि पीएम मोदी ने रूसी तेल खरीद रोकने का आश्वासन दिया है। भारत ने कहा कि नई दिल्ली की मुख्य चिंता 'भारतीय उपभोक्ता के हितों की रक्षा' करना है

अपडेटेड Oct 20, 2025 पर 9:15 AM
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भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को ट्रंप के दावे से इनकार कर दिया था कि PM मोदी ने रूसी तेल खरीद रोकने का आश्वासन दिया है

Russian oil Imports: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूसी तेल खरीदना बंद कर देगा। साथ ही ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर नई दिल्ली ऐसा नहीं करता है, तो उसे अमेरिकी बाजार में भारी-भरकम टैरिफ चुकाना जारी रखना होगा।

रूसी तेल की खरीद को लेकर ट्रंप ने लगाया था 25% का एक्सट्रा टैरिफ

अपने विमान एयर फोर्स वन में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, 'मैंने भारत के प्रधानमंत्री मोदी से बात की, और उन्होंने कहा कि वह रूसी तेल का काम नहीं करने जा रहे हैं।' जब ट्रंप से भारत के उस बयान के बारे में पूछा गया जिसमें उसने पीएम मोदी और ट्रंप के बीच कोई भी बातचीत नहीं हुई है, तो ट्रंप ने सीधे जवाब देते हुए कहा, 'अगर वे ऐसा कहना चाहते हैं, तो वे बस भारी टैरिफ का भुगतान करना जारी रखेंगे, और वे ऐसा नहीं करना चाहते हैं।'


ट्रंप प्रशासन ने भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए अपने 50% टैरिफ में से 25% टैरिफ को रूसी तेल खरीद के प्रतिशोध के रूप में बताया है। अमेरिका का तर्क है कि पेट्रोलियम की बिक्री से मिलने वाले पैसों का उपयोग रूस, यूक्रेन के साथ युद्ध में कर रहा है।

भारत क्यों खरीद रहा है रूसी तेल?

यूक्रेन पर 2022 के आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने और रूसी तेल से किनारा करने के बाद भारत रियायती दरों पर बेचे जा रहे रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार बन गया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार को ट्रंप के दावे पर सीधे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था कि पीएम मोदी ने रूसी तेल खरीद रोकने का आश्वासन दिया है। भारत ने कहा कि नई दिल्ली की मुख्य चिंता 'भारतीय उपभोक्ता के हितों की रक्षा' करना है।

रूसी तेल खरीद में नहीं दिखी है तत्काल कटौती

रूसी तेल खरीद को लेकर अमेरिका के बढ़ते दबाव के बावजूद जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने भले ही भारत द्वारा रूसी तेल खरीद को आधा करने का दावा किया हो, लेकिन भारतीय सूत्रों ने कहा कि उन्हें तत्काल कटौती नहीं दिखी है। भारतीय रिफाइनरों ने नवंबर लोडिंग के लिए पहले ही ऑर्डर दे दिए हैं, इसलिए किसी भी कटौती का असर दिसंबर या जनवरी के आयात आंकड़ों में दिखना शुरू हो सकता है।

कमोडिटी डेटा फर्म Kpler के अनुमानों के अनुसार, यूक्रेनियन ड्रोन हमलों के बाद रूस द्वारा निर्यात बढ़ाने के कारण इस महीने भारत का रूसी तेल आयात लगभग 20% बढ़कर 1.9 मिलियन बैरल प्रतिदिन होने वाला है।

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