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Bilal Bin Saqib: सोशल एंटरप्रेन्योर और ग्लोबल प्रोफाइल के धनी बिलाल क्या क्रिप्टोकरेंसी में चमका पाएंगे पाकिस्तान की किस्मत

पाकिस्तान की क्रिप्टो महत्वाकांक्षाएं बढ़ रही हैं, लेकिन इसके लिए नींव अभी अविकसित है। देश में वर्चुअल एसेट्स के लिए एक व्यापक रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की कमी है। मजबूत रेगुलेटरी आर्किटेक्चर के बिना बिटकॉइन रिजर्व जैसी पहलों को प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट तक सीमित कर दिया जाता है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड May 29, 2025 पर 11:20 PM
Bilal Bin Saqib: सोशल एंटरप्रेन्योर और ग्लोबल प्रोफाइल के धनी बिलाल क्या क्रिप्टोकरेंसी में चमका पाएंगे पाकिस्तान की किस्मत
बिलाल बिन साकिब कोई नौकरशाह या फाइनेंशियल एक्सपर्ट नहीं है। वह लंदन में पले-बढ़े एक सोशल एंटरप्रेन्योर हैं।

कर्ज में डूबे पाकिस्तान ने सरकार द्वारा फंडेड अपने पहले स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व की घोषणा की है। पड़ोसी मुल्क ने अपने यहां के क्रिप्टो बाजारों में निवेश को आमंत्रित किया है। यह घोषणा पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल के CEO बिलाल बिन साकिब ने बुधवार को लास वेगास में बिटकॉइन वेगास 2025 कॉन्फ्रेंस में की। इस सम्मेलन में अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बेटे एरिक और डोनाल्ड ट्रंप जूनियर भी शामिल हुए। साकिब को हाल ही में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन के लिए पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का विशेष सहायक नियुक्त किया गया था।

साकिब के ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान में 4 करोड़ से अधिक क्रिप्टो वॉलेट हैं और यह दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे सक्रिय फ्रीलांसर अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। साकिब पर डिजिटल एसेट्स के लिए एक व्यापक, FATF-कंप्लायंट रेगुलेटरी फ्रेमवर्क विकसित करने, बिटकॉइन माइनिंग पहल शुरू करने और गवर्नेंस, फाइनेंस और लैंड रिकॉर्ड्स में ब्लॉकचेन इंटीग्रेशन की देखरेख करने की जिम्मेदारी है। पाकिस्तान की सरकार ने बिटकॉइन माइनिंग और एआई डेटा सेंटर्स के लिए पहले चरण में 2,000 मेगावाट की सरप्लस बिजली एलोकेट की है।

कौन हैं बिलाल बिन साकिब

बिलाल बिन साकिब कोई नौकरशाह या फाइनेंशियल एक्सपर्ट नहीं है। वह लंदन में पले-बढ़े एक सोशल एंटरप्रेन्योर हैं। वह लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के छात्र रह चुके हैं। बिलाल पहली बार तब सुर्खियों में आए थे, जब कोविड-19 महामारी के दौरान उन्होंने 'वन मिलियन मील्स' पहल को को-फाउंड किया था। इस पहल के तहत यूके में NHS श्रमिकों और कमजोर समुदायों को 100,000 से अधिक मील्स उपलब्ध कराए गए। उनके प्रयासों ने उन्हें MBE यानि 'मेंबर ऑफ द मोस्ट एक्सीलेंट ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर' का खिताब दिलवाया। इतना ही नहीं उन्हें यूरोप सोशल इंपैक्ट कैटेगरी में फोर्ब्स 30 अंडर 30 में भी शामिल किया गया था।

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