World Summit in Doha: केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार (5 नवंबर) को कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि उसे वैश्विक मंचों का दुरुपयोग करना बंद करना चाहिए। मांडविया ने कहा कि पाकिस्तान भारतीय नागरिकों के खिलाफ सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है। उन्होंने पड़ोसी देश को आत्मचिंतन करने की सलाह दी। केंद्रीय मंत्री कतर के दोहा में दूसरे विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन के सेशन में भारत का आधिकारिक रुख रख कर रहे थे।
उन्होंने मंगलवार को पाकिस्तान के राष्ट्रपति की तरफ से भारत के संबंध में की गई कुछ अनुचित टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई। मांडविया ने कहा, "भारत के खिलाफ दुष्प्रचार दुनिया का ध्यान सामाजिक विकास पर से हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच का दुरुपयोग है। हम सच्चाई सामने लाना चाहते हैं।" सिंधु जल संधि पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने निरंतर शत्रुता और सीमापार आतंकवाद के माध्यम से इसकी भावना को कमजोर किया है।
मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत की वैध परियोजनाओं में बाधा डालने के लिए संधि तंत्र का बार-बार दुरुपयोग किया है। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संबंध में मांडविया ने कहा कि पाकिस्तान को भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। मंत्री ने कहा, "यह विशेष रूप से तब होता है जब वह भारत के नागरिकों के खिलाफ सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होता है।"
पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने पाकिस्तान को आत्मचिंतन करने और विकास से संबंधित अपनी गंभीर चुनौतियों का समाधान करने की सलाह दी। मांडविया ने कहा कि इन आंतरिक चुनौतियों के कारण पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मिलने वाली सहायता पर निर्भर हो गया है। उन्होंने कहा, "उसे अंतरराष्ट्रीय मंचों का दुरुपयोग करना बंद करना चाहिए।"
देश की आर्थिक वृद्धि और सामाजिक प्रगति के बारे में बात करते हुए मांडविया ने कहा कि भारत के विकास की कहानी बड़े पैमाने पर बदलाव की कहानी है। उन्होंने कहा, "पिछले 10 वर्षों में लगातार सुधारों, कल्याणकारी कार्यक्रमों और डिजिटल इनोवेशन के माध्यम से लगभग 25 करोड़ भारतीयों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।"
मांडविया ने कहा कि 11.8 करोड़ स्कूली बच्चों को पौष्टिक भोजन मिलता है। जबकि 80 करोड़ से अधिक नागरिकों को खाद्य सुरक्षा प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि 42.5 करोड़ भारतीयों को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान की गई है। कम आय वाले लोगों को 3.7 करोड़ से अधिक मकान उपलब्ध कराए गए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, "2017-18 और 2023-24 के बीच हमारी बेरोजगारी दर छह प्रतिशत से घटकर 3.2 प्रतिशत हो गई है और महिलाओं की रोजगार दर लगभग दोगुनी हो गई है।" उन्होंने कहा, "भारत का सामाजिक सुरक्षा कवरेज 2015 में 19 प्रतिशत से बढ़कर 2025 में 64.3 प्रतिशत हो गया है।"