Interim Budget 2024 : यूनियन बजट (Union Budget) पेश होने में कुछ ही दिन बचे हैं। टैक्सपेयर्स को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से राहत मिलने की उम्मीद है। पिछले साल यूनियन बजट में सरकार ने संकेत दिया था कि वह टैक्स के नियमों को आसान बनाना चाहती है। इसके लिए इनकम टैक्स की नई रीजीम में कई बदलाव किए थे। ऐसे में टैक्सपेयर्स इनकम टैक्स के नियमों और कंप्लायंस को और आसान बनाए जाने की उम्मीद कर सकते हैं। पिछले कुछ सालों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्स रिटर्न फाइलिंग और प्रोसेसिंग में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ाया है। इससे प्रोसेस को आसान बनाने में मदद मिली है। उम्मीद है कि अंतरिम बजट में सरकार का फोकस इस पर जारी रहेगा। विदेशी मोबाइल नंबर के जरिए ई-वेरिफिकेशन, इंडियन बैंक अकाउंट्स के बगैर टैक्स पेमेंट, विदेशी बैंक अकाउंट में टैक्स रिफंड्स, एनआरआई से प्रॉपर्टी खरीदने पर टीडीसी प्रोसिजर में बदलाव और एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) में अतिरिक्त जानकारी शामिल करने के उपाय उठाए जा सकते हैं।
टियर 2 शहरों को मेट्रोपॉलिटन लिस्ट में शामिल किया जाए
पिछले कुछ सालों में कई बड़े शहरों की ग्रोथ में उछाल आया है। इससे कई इनवेस्टर्स ने पुणे, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे शहरों में ऑफिस ओपन करने में दिलचस्पी दिखाई है। सरकार को इन शहरों को मेट्रोपॉलिटन सिटीज की लिस्ट में शामिल करना चाहिए। इससे हाउस रेंट अलाउन्स (HRA) क्लेम करने वाले टैक्सपेयर्स को टैक्स सेविंग्स करने में मदद मिलेगी। लोगों को अपनी बेसिक सैलरी के 50 फीसदी का इस्तेमाल रेंट पेमेंट के लिए करने की इजाजत दी जा सकती है।
विदेशी मोबाइल नंबर के जरिए ई-वेरिफिकेशन की सुविधा
उम्मीद है कि अंतरिम बजट में NRI को विदेशी मोबाइल नंबर/ईमेल के इस्तेमाल से ई-वेरिफिकेशन की इजाजत मिल सकती है। अभी इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स को आधार ओटीपी और नेटबैंकिंग ईवीसी के जरिए ई-वेरिफिकेशन की इजाजत है। लेकिन ऐसे कई इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स हैं, जो इंडिया से बाहर रहते हैं। उनके पास इंडियन मोबाइल नंबर नहीं है। उन्हें अपने इनकम टैक्स रिटर्न को ई-वेरिफाय करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। अगर टैक्स पोर्टल पर विदेशी मोबाइल नंबर के जरिए ओटीपी की सुविधा दी जाए तो इससे ई-वेरिफिकेशन में बहुत आसानी होगी।
विदेशी बैंक अकाउंट में भी रिफंड की सुविधा मिले
अभी टैक्स पेमेंट के लिए नेट बैंकिंग, डेबिट कार्ड्स, एनईएफटी/आरटीजीएस आदि के इस्तेमाल की इजाजत है। NRI को इंडिया में टैक्स चुकाने के लिए इंडिया में बैंक अकाउंट होना जरूरी है। इससे उन एनआरआई को दिक्कत होती है, जिनका इंडिया में बैंक अकाउंट नहीं हैं। अगर सरकार एनआरआई को विदेशी बैंक अकाउंट से टैक्स पेमेंट की इजाजत देती है तो उससे उन्हें बहुत मदद मिलेगी। टैक्स रिफंड्स भी अभी सिर्फ इंडिया में वेरिफायड बैंक अकाउंट में जमा हो सकता है। कई एनआरआई ऐसे हैं, जिन्होंने इंडिया में अपने बैंक अकाउंट बंद कर दिए हैं। उन्हें टैक्स रिफंड्स हासिल करने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
(लेखक डेलॉयट इंडिया में पार्टनर हैं)