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Rail Budget 2024 : निर्मला सीतारमण रेलवे के लिए कर सकती हैं 3 लाख करोड़ रुपये आवंटन

Budget 2024 : 1 फरवरी, 2023 को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। यह रेलवे के लिए किया गया सबसे ज्यादा आवंटन था। यह 2013 में रेलवे के आवंटन का करीब 9 गुना था। इस वित्त वर्ष के लिए आवंटित 2.4 लाख करोड़ रुपये में से 1.85 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) के लिए था

अपडेटेड Jan 18, 2024 पर 12:50 PM
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Interim Budget 2024 : सरकार माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनकर तैयार हो चुका है। वेस्टर्स डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। इससे बहुत कम समय में माल की ढुलाई हो सकेगी। इससे रेलवे को माल ढुलाई में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

Union Budget 2024 : केंद्रीय बजट पेश होने में एक महीना से कम समय रह गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। यह अंतरिम बजट होगा। लोकसभा चुनावों से पहले आने वाले इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। हालांकि, यह अंतरिम बजट होगा। फिर भी, कई मंत्रालयों का बजट आवंटन बढ़ने की उम्मीद है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वित्तमंत्री Nirmala Sitharaman रेलवे का आवंटन काफी बढ़ा सकती हैं। वह 2.8 से 3 लाख करोड़ रुपये के बीच हो सकता है। 1 फरवरी, 2023 को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। इसका काफी हिस्सा रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर खर्च हो रहा है।

बजट 2024 में रेलवे के लिए हो सकता है अब तक का सबसे ज्यादा आवंटन

एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को वर्ल्ड क्लास का बनाना चाहती है। यही वजह है कि पिछले साल में उसने रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया था। यह रेलवे के लिए किया गया सबसे ज्यादा आवंटन था। यह 2013 में रेलवे के आवंटन का करीब 9 गुना था। इस वित्त वर्ष के लिए आवंटित 2.4 लाख करोड़ रुपये में से 1.85 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत खर्च (Capital Expenditure) के लिए था। यह इस बात का संकेत है कि सरकार का ज्यादा फोकस रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने पर है।


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वंदे भारत जैसी ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर फोकस

जानकारों का कहना है कि सरकार रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के बाद यात्री सुविधाओं पर फोकस बढ़ाना चाहती है। हर साल दर्जनों नई वंदे भारत ट्रेन शुरू करने का प्लान है। जल्द वंदे भारत की स्लीपर ट्रेनों की सेवाएं शुरू हो जाएंगी। ये ट्रेनें लंबी दूरी के लिए चलाई जाएंगी। इससे यात्रा में लगने वाला समय घटेगा। साथ ही यात्रियों को बेहतर ट्रेवल एक्सपीरियंस मिलेगा। सरकार ने 500 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने का लक्ष्य रखा है। इसमें से अयोध्या, भोपाल, विशाखापत्तनम, वाराणसी सहित कई स्टेशनों को आधुनिक बनाने का काम पूरा हो चुका है। सरकार कुछ स्टेशनों पर एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं यात्रियों को देना चाहती है।

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माल दुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाने पर जोर

सरकार का फोकस रेल हादसों में कमी लाने पर भी है। इसके लिए मिशन जीरो एक्सीडेंट पर काम चल रहा है। रेलवे के सेफ्टी बजट को बढ़ाकर दोगुना किया जा सकता है। पिछले दो साल से रेलवे का सेफ्टी बजच 11,000 करोड़ रुपये बना हुआ है। सरकार माल ढुलाई में रेलवे की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनकर तैयार हो चुका है। वेस्टर्स डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। इससे बहुत कम समय में माल की ढुलाई हो सकेगी। इससे रेलवे को माल ढुलाई में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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