पंद्रह साल से पुराने सभी सरकारी वाहनों को 1 अप्रैल 2023 से कबाड़ में बदल दिया जाएगा और उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। इसमें केंद्र के अलावा सभी राज्य सरकारों की वाहनें भी शामिल हैं। साथ ही ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन और पब्लिक सेक्टर कंपनियों के स्वामित्व वाली बसें भी इसमें शामिल हैं। रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवेज मिनिस्ट्री की ओर से गुरुवार 19 जनवरी को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, 15 साल से अधिक पुराने सभी सरकारी वाहनों और बसों को रजिस्ट्रेशन एक अप्रैल से समाप्त कर उन्हें कबाड़ बना दिया जाएगा।
हालांकि, यह नियम देश की रक्षा, कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के रखरखाव में इस्तेमाल की जाने वाली सेना, अर्द्धसैनिक बलों और पुलिस की बख्तरबंद गाड़ियों और अन्य विशेष वाहनों पर लागू नहीं होगा।
नोटिफिकेशन के मुताबिक, "ऐसे वाहनों को उनके रजिस्ट्रेशन की पहली तारीख से 15 साल पूरे होने के बाद स्क्रैप करने यानी कबाड़ में बदला जाएगा। इस प्रक्रिया को मोटर व्हीकल (रजिस्ट्रेशन एंड फंक्शन ऑफ व्हीकल स्क्रैप फैसिलिटी) एक्ट 2021 के तहत खुले पंजीकृत व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी के जरिए पूरा किया जाना चाहिए।"
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2022 के बजट में वाहनों की स्क्रैप पॉलिसी का ऐलान किया था। इसके तहत कमर्शियल वाहनों के लिए 15 साल और पर्सनल कारों के लिए 20 साल की अवधि के बाद अनिवार्य फिटनेस टेस्ट की जांच का प्रावधान किया गया था।
नई पॉलिसी 1 अप्रैल 2022 को लागू हुई थी। इसमें केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि अगर कोई व्यक्ति अपनी पुरानी कार को स्क्रैप कराने के बाद नई गाड़ी खरीदता है, तो वे उसे रोड टैक्स में 25 फीसदी छूट देंगे।