LIC Dividend: देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी LIC ने सरकार को 1,831.09 करोड़ रुपये के डिविडेंड का चेक सौंप दिया है। एलआईसी ने यह चेक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को गुरुवार को सौंपा है। एलआईसी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। यह चेक एलआईसी के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने वित्त मंत्री को दिया है। एलआईसी में सरकार की 96.50 फीसदी हिस्सेदारी है। राष्ट्रपति के पोर्टफोलियो में इसके 6,10,36,22,781 शेयर हैं और 3 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड के हिसाब से सरकार को 1831 करोड़ रुपये का चेक मिला है। एलआईसी ने वित्त वर्ष 2023 के लिए 26 मई को इस डिविडेंड का ऐलान किया था और इसके लिए रिकॉर्ड डेट 21 जुलाई 2023 थी।
LIC Dividend: पहले कैसा रिकॉर्ड रहा है
एलआईसी सरकार को डिविडेंड देती है लेकिन ऐसा हर साल ही हो, यह जरूरी नहीं है। जैसे कि वित्त वर्ष 2021 में इसने सरकार को कोई डिविडेंड नहीं दिया था। तत्कालीन वित्त राज्य मंत्री भागवत करद ने 8 फरवरी 2022 को राज्यसभा में जानकारी दी थी कि वित्त वर्ष 2021 में एलआईसी ने डिविडेंड देने की बजाय फ्री रिजर्व का इस्तेमाल अपना पेड-कैपटिल बढ़ाने में किया था और यह बढ़कर 6325 करोड़ रुपये (दिसंबर 2021 तक) हो गया।
इससे पहले वित्त वर्ष 2020 में एलआईसी ने सरकार को वित्त वर्ष 2019 के मुनाफे के आधार पर 2610.75 करोड़ रुपये का मुनाफा दिया था। पिछले वित्त वर्ष 2023 की बात करें तो एलआईसी ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए प्रति शेयर डेढ़ रुपये का डिविडेंड बांटा था जिसका ऐलान बीमा कंपनी ने 31 मई 2022 को किया था और रिकॉर्ड डेट 25 अगस्त 2022 थी यानी सरकार को पिछले साल 915 करोड़ रुपये का डिविडेंड मिला था।
एलआईसी देश की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है। 1 सितंबर 1956 को गठन के बाद से यह 67 साल सफलतापूर्व पूरा कर चुकी है। इसकी शुरुआती पूंजी 1956 में 5 करोड़ रुपये थी और अब 31 मार्च 2023 तक के आंकड़ों के मुताबिक इसका एसेट बेस 45.50 लाख करोड़ रुपये का हो चुका है। इसका लाईफ फंड 40.81 लाख करोड़ रुपये का है। प्राइवेट सेक्टर की इंश्योरेंस सेक्टर में एंट्री के बाद भी यह मार्केट लीडर बनी हुई है।