Republic Day 2024: भारत के 75वें गणतंत्र दिवस की तैयारी जोर शोर से चल रही है। यह देश के सबसे अहम राष्ट्रीय समारोह में से एक है। इस समय नागरिकों में उत्साह, जोश, देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी रहती है। बड़ी संख्या में लोग परेड देखने के लिए कर्तव्य पथ पहुंचते हैं। परेड की शुरुआत रायसीना हिल्स से होती है और वह राजपथ (कर्तव्य पथ), इंडिया गेट से गुजरती हुई लालकिला तक जाती है। देश भर में गणतंत्र दिवस को उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन के इतिहास और जरूरी बातों से कई नागरिक अनजान हैं।
भारत के इतिहास में 26 जनवरी का दिन काफी महत्वपूर्ण है। 26 जनवरी, 1950 के ही दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। संविधान को बनाने में 2 साल, 11 महीने 18 दिन लगे थे। आजादी के बाद 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपनाया था। इसे आधिकारिक तौर पर 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।
26 जनवरी को ही क्यों लागू किया गया संविधान?
संविधान सभा का पहला सत्र 9 दिसंबर, 1946 को और आखिरी सत्र 26 नवंबर, 1949 को हुआ। फिर एक साल संविधान को अपनाया गया। डॉ. भीमराव आंबेडकर संविधान ने संविधान बनाने वाली समिति का नेतृत्व किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 26 जनवरी, 1930 के दिन ही देश को पूर्ण स्वराज घोषित किया था। ऐसे में इस दिन को यादगार बनाने के लिए इसके ठीक 20 साल बाद 26 जनवरी, 1950 के दिन संविधान को लागू किया गया। भारतीय संविधान की कॉपी आज भी संसद भवन की लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी गई है। भारतीय संविधान को दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से लिखा गया संविधान कहा जाता है।
गणतंत्र दिवस 2024 परेड की थीम 'विकसित भारत' और 'भारत - लोकतंत्र की मातृका' (‘Viksit Bharat’ and ‘Bharat – Loktantra ki Matruka’) है। परेड का समय कुल 90 मिनट होगा। इसमें झांकियों के लिए 26 मिनट का समय तय किया गया है। परेड सुबह 10.30 बजे से शुरू होगी। आयोजन स्थल पर करीब 77,000 लोग बैठ सकते हैं। इसमें 42,000 सीटें आम जनता के लिए रिजर्व रखी गई हैं। इस साल मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) हैं।