Indian Railways: एक राज्य से दूसरे राज्य तक जाने के लिए या फिर एक शहर से दूसरे शहर तक जाने के लिए आपके पास कई ऑप्शन होंगे। लेकिन जो मजा ट्रेन से जाने का है वो किसी और परिवहन में शायद नहीं मिल सकता। ट्रेन से सफर करते हुए आसपास के ग्रामीण नजारे, पहाड़ी दृश्य, नदियों और झीलों का संगम ये सब कुछ आपको एक रेल में बैठे बिठाए मिल जाता है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर ट्रेन में कौन सी सीट पर सफर करना बेहतर रहता है। ताकि बुक करते समय उसी सीट को प्राथमिकता दी जा सके।
वहीं आज के समय बच्चों को खासकर खिड़की वाली सीट बेहद पसंद रहती है। इसकी वजह ये है कि बाहर का नजारा देखते हुए उन्हें बेहद आनंद आता है। वहीं बड़े बुजुर्ग लोगों को ट्रेन की लोअर बर्थ बेहद आरामदायक होती है। काफी लोगों को सफर में अपर बर्थ पसंद आती है। उन्हें सफर में बिना किसी के रोक टोक आराम से नींद पूरी कर सकते हैं।
ट्रेन की कौन सी सीट है बेस्ट
ट्रेन से सफर करने वाले लोगों का मानना है कि सफर करने के लिए लोअर बर्थ बेहतर होती है। हालांकि, ये सीट लोगों को इतनी आसानी से जल्दी नहीं मिल पाती है। वहीं रेलवे की ओर से सबसे पहले इस सीट के लिए बड़े बुजुर्गों को प्राथमिकता दी जाती है। जिसके पीछे कई बड़ी वजह भी होती है। ऐसे लोगों को ऊपर चढ़ने और उतरने में काफी समस्या होती है। लिहाजा उन्हें लोअर सीट की प्राथमिकता दी जाती है। वहीं युवाओं को आमतौर पर अपर बर्थ मिलती है। वहीं मिडल बर्थ को बहुत कम लोद पसंद करते हैं। इसकी वजह ये है कि यह आरामदायक बेहद कम है। इसे सिर्फ रात में सोने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
ट्रेन में कितनी तरह की होती हैं सीटें
ट्रेन में सबसे ऊपर की सीट को पर बर्थ कहते हैं। अगर कोई भी बुजुर्ग ट्रेन टिकट बुक करता है, तो उसे ये सीट बहुत कम दी जाती है। ज्यादा उम्र होने की वजह से उनके लिए ऊपर चढ़ना काफी मुश्किल है, ऐसे में इस सीट का ऑप्शन युवाओं को ही दिया जाता है।
मिडल सीट उसे कहते हैं, जो अपर बर्थ और लोअर बर्थ के बीच होती है। टिकट बुक करते वक्त बहुत ही बहुत कम लोग मिडल बर्थ बुक करते हैं। इसकी वजह ये है कि इस सीट पर बैठने-उठने में परेशान होती है। आप बस इस सीट पर लेट ही सकते हैं। रेलवे द्वारा इस सीट को 30 से 40 उम्र के लोगों को ही दिया जाता है।
ये सीट सबसे नीचे वाली होती है। नीचे से पहले नंबर की सीट को लोअर बर्थ कहते हैं। भारतीय रेलवे की ओर से लोअर सीट को बुजुर्ग लोगों को ज्यादा रेफर किया जाता है। इसके साथ ही महिलाओं को भी ये सीट दी जाती हैं।
साइड अपर और साइड लोअर बर्थ
स्लीपर क्लास में अपर बर्थ, मिडिल और लोअर बर्थ के अलावा भी सीटें होती हैं। इसमें साइड अपर और साइड लोअर बर्थ की भी फैसिलिटीज होती हैं। साइड लोअर भी ज्यादातर बुजुर्गों को दी जाती है। भारतीय रेलवे द्वारा साइड अपर सीट भी 30 से 40 साल के लोगों या फिर युवाओं को ज्यादा दी जाती है।