Loksabha Elections 2024: बुंदेलखण्ड की राजनीति में झांसी का नाम सबसे पहले आता है। यह वहीं नगरी है, जिसे झांसी की रानी के नाम से जाना जाता है। सुभद्रा कुमारी चौहान की लिखी हुई कविता “खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी” पूरी दुनिया में मशहूर है। झांसी लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा सीटें शामिल हैं। यह झांसी और ललितपुर जिलों की है। इस सीट में झांसी की चार में से तीन विधानसभा सीटें और ललितपुर की दोनों विधानसभा सीटें शामिल हैं। झांसी सदर, मऊरानीपुर, बबीना, ललितपुर और महरौनी विधानसभा सीटें झांसी लोकसभा सीट का हिस्सा हैं। इन पांच में से चार विधानसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। जबकि एक पर भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल एस काबिज है।
झांसी में हुए 17 लोकसभा चुनाव में 9 बार कांग्रेस, 5 बार भारतीय जनता पार्टी, एक-एक बार भारतीय लोकदल, बहुजन समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी ने अपना परचम लहराया है। मौजूदा समय में झांसी लोकसभा सीट से अनुराग शर्मा सांसद हैं। उन्होंने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर पर सवार होकर प्रचंड वोटों से जीत दर्ज की थी अनुराग वैद्यनाथ ग्रुप के मालिक हैं।
साल 2024 में किस पार्टी से किसे मिला टिकट
झांसी लोकसभा सीट से बीजेपी ने अपने मौजूदा सांसद अनुराग शर्मा पर भरोसा जताया है। BJP ने शर्मा को मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस सपा के गठबंधन (इंडिया) ने प्रदीप जैन आदित्य को टिकट दिया है। बहुजन समाज पार्टी (BSP) राकेश कुशवाहा को टिकट दिया था। लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। ऐसे में अभी तक बीएसपी की ओर से किसी नए उम्मीदवारा का ऐलान अभी तक नहीं किया गया है। झांसी में 26 अप्रैल 2024 से नामांकन शुरू हो जाएंगे। यहां पांचवें चरण में 20 मई को वोटिंग होगी।
झांसी लोकसभा सीट से उमा भारती रह चुकी हैं सांसद
वहीं साल 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की कद्दावर नेता उमा भारती ने इस सीट से चुनाव लड़ा था। जीत दर्ज कर उन्होंने केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। साल 2009 में झांसी लोकसभा सीट पर कांग्रेस के नेता प्रदीप जैन आदित्य ने जीत दर्ज की थी। उन्हें मनमोहन सिंह सरकार में ग्रामीण विकास राज्यमंत्री के रूप में जिम्मेदारी दी गई थी। इससे पहले 2004 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर सपा के प्रभावशाली नेता डॉ चंद्रपाल सिंह यादव को जीत मिली थी। डॉ चंद्रपाल सिंह यादव मौजूदा समय में कृभको के अध्यक्ष हैं।
1996 में बसपा का सांसद चुना गया
झांसी-ललितपुर सीट से 1952 से 1971 तक लगातार कांग्रेस के सांसदों की जीत मिलती रही। साल 1996 में इस सीट पर बसपा का कब्जा हो गया। 1998 में बीजेपी को दोबारा इस सीट से जीत मिली। लेकिन 1999 में कांग्रेस के हाथों उसे हार का मुंह देखना पड़ा। जहां 2004 में सपा ने इस सीट पर विजय पताका फहराया वहीं 2009 में कांग्रेस ने जीत हासिल की। 2014 और 2019 के चुनाव से यहां बीजेपी का कब्जा चला आ रहा है।
झांसी लोकसभा सीट में जातीय समीकरण
मौजूदा समय में यहां सामान्य कैटगरी है। इस लोकसभा सीट में साक्षरता दर 60.16 फीसदी है। यहां अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 491,578 है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार यह कुल जनसंख्या के लगभग 24.1 फीसदी है। वहीं एसटी मतदाता लगभग 55,073 हैं जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 2.7 फीसदी हैं। यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या करीब 1,329,911 है। शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 709,830 हैं। जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 34.8% हैं।
झांसी में राजनीतिक मुद्दे
झांसी में कई बड़े शैक्षणिक संस्थान हैं। इनमें रानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, जैसे कई बड़े कॉलेज हैं। बुंदेलखंड में किसानों की हालत बेहद खस्ता है। रोजगार की समस्याएं यहां मुंह फैलाए खड़ी है। किसानों की खुदकुशी, पानी का संकट, आवारा जानवर यहां की बड़ी समस्याओं में शामिल है। आवार जानवरों से किसानों की पूरी फसल चौपट हो जाती है।