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West Bengal Lok Sabha Poll: पश्चिम बंगाल में 8 सीटों पर 25 मई को वोटिंग, जानिए किसका पलड़ा है भारी

पश्चिम बंगाल में BJP और TMC के बीच कड़ी टक्कर दिख रही है। 2019 के चुनावों में दोनों दलों के बीच कांटे की टक्कर थी। कुल 42 सीटों में से 22 सीटें टीएमसी के खाते में गई थी, जबकि 18 सीटों पर BJP ने जीत हासिल की थी

अपडेटेड May 19, 2024 पर 3:11 PM
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लोकसभा के छठे चरण की वोटिंग 25 मई को होगी। उस दिन पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर मतदान होगा।

लोकसभा के छठे चरण की वोटिंग 25 मई को होगी। उस दिन पश्चिम बंगाल की 8 सीटों पर मतदान होगा। अगर 2019 के लोकसभा चुनावों के नतीजों को देखा जाए तो बीजेपी का पलड़ा भारी लगता है। पिछले बार के लोकसभा चुनाव में इनमें से 5 सीटें बीजेपी के खाते में गई थीं, जबकि 3 सीटें टीएमसी को मिली थीं। इस बार कई सीटों पर समीकरण बदले हुए हैं। इनमें से कुछ संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों की सीमा झारखंड और ओडिशा से लगती है, जहां नक्सली सक्रिय रहे हैं।

8 संसदीय क्षेत्रों में कई में जनजातियों की बड़ी आबादी

पश्चिम बंगाल के जनजातीय इलाके इनमें से कुछ निर्वाचन क्षेत्रों के हिस्सा हैं। पश्चिम बंगाल की सबसे बड़ी जनजाति संथाल है, जिसके लोग बांकुरा, पुरुलिया और पश्चिम मेदिनीपुर में रहते है। मुंडा जनजाति से जुड़े लोग पुरुलिया और पश्चिम मेदिनीपुर के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं, जबकि ओरांव या कुरुख जनजाति पुरुलिया के मैदानी इलाकों में रहती है।


मदिनीपुर रहा है अधिकारी परिवार का गढ़

तामलुक (सामान्य) निर्वाचन क्षेत्र पूर्वी मेदिनीपुर जिले में आता है जहां 2019 में तृणमूल के उम्मीदवार दिव्येंदु अधिकारी ने BJP के सिद्धार्थ नासकर को हराया था। 2016 में हुए उपचुनाव में अधिकारी ने सीपीएम की मंदिरा पांडा को करीब 5 लाख मतों से हराया था। इससे पहले यानी 2009 से 2016 के बीच यह सीट उनके भाई सुवेंदु अधिकारी के पास थी, जो TMC के टिकट पर चुनाव जीते थे। अब सुवेंदु अधिकारी BJP में शामिल हो चुके हैं। वह पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं।

कांथी सीट पर भी अधिकारी परिवार का असर

कांथी (सामान्य) सीट भी अधिकारी परिवार का गढ़ मानी जाती है। यह पूर्वी मेदिनीपुर जिले में आती है। 2019 के चुनावों में यहां TMC के उम्मीदवार शिशिर अधिकारी ने BJP के देबाशीष सामंता को हराया था। इससे पहले 2014 के चुनावों में उन्होंने सीपीएम के उम्मीदवार तापस सिन्हा को हराया था। शिशिर सुवेंदु अधिकारी के पिता हैं, जिन्होंने यहां से 2009 में भी जीत हासिल की थी।

घटल सीट पर कड़ा मुकाबला

शिशिर अधिकारी के सबसे छोटे बेटे सोमेंदु अधिकारी इस बार कांथी सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका मुकाबला TMC के उत्तम बारीक से है। घटल (सामान्य) संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व TMC के दीपक अधिकारी (देव) करते हैं। वह बंगाली फिल्म अभिनेता हैं। 2019 में उन्होंने यहां से पूर्व आईपीएस अफसर भारती घोष को हराया था। भारती बीजेपी की उम्मीदवार थीं। इस बार देव का मुकाबला फिल्म एक्टर हिरेन चटर्जी से है, जिन्हें बीजेपी ने टिकट दिया है।

झारग्राम में बीजेपी और टीएमसी में मुकाबला

झारग्राम सीट जनजातीय उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। BJP उम्मीदवार कुमार हेमब्रम ने 2019 में यह सीट जीती थी। इस बार बीजेपी ने यहां से प्रनत टुडू को टिकट दिया है। उनका मुकाबला टीएमसी के कालिपद सोरेन और सीपीएम के सोनमणि मुर्मू से होगा। मेदिनीपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी के दिलीप घोष जीते थे। उन्हें इस बार वर्द्धमान-दुर्गापर से टिकट मिला है। इस बीजेपी ने अग्निमित्रा पॉल को यहां से टिकट दिया है। उनका मुकाबला टीएमसी के जून मालिया और सीपीआई के बिप्लव भट्ट से है।

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