BJP ने चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन में जीत हासिल की है। इस जीत से नियर टर्म में स्टॉक्स मार्केट में तेजी रहने की उम्मीद है। Nuvama, Nomura और Elara सहित कई ब्रोकरेज फर्मों ने यह अनुमान जताया है। इस बार के चुनावों में भाजपा ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया है। अब मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, असम, त्रिपुर और मणिपुर के साथ ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ के नाम भाजपा शासन वाले राज्यों की सूची में शामिल हो गए हैं। नोमुरा के एनालिस्ट्स का कहना है कि कुछ इनवेस्टर्स को यह चिंता थी कि विधानसभा चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन कमजोर रहने से अनिश्चितता बढ़ जाएगी। लेकिन, 3 दिसंबर को आए नतीजों ने यह चिंता दूर कर दी है। हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनावों में राजनीतिक दल एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लोकलुभावन वादों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
बढ़ रही रेवड़िया बांटने की संस्कृति
Elara Capital का कहना है कि रेवड़ियां बांटने की संस्कृति फिर से हावी होती दिख रही है। अगले साल लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार नई योजनाओं की झड़ी लगा सकती है। राज्यों का चुनाव जीतने के लिए भाजपा और कांग्रेस ने कई नई योजनाओं का ऐलान किया है। इसका दबाव राज्यों की वित्तीय स्थिति पर देखने को मिलेगा। हालांकि, भाजपा की जीत से यह तय है कि पॉलिसी में कोई बड़ा बदलाव होने नहीं जा रहा है। BofA Securities की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार पहले ही रसोई गैस सिलेंडर की कीमत में कमी का ऐलान कर चुकी है। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए फ्री-फूड स्कीम को 5 साल के लिए बढ़ाने का ऐलान कर चुकी है। मई से पहले सरकार कुछ और स्कीम का ऐलान कर सकती है।
सरकार की वित्तीय सेहत पर नहीं पड़ेगा असर
BofA Securities की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नई स्कीम या उपायों के एलान का सरकार के फिस्कल कंसॉलिडेशन पर असर पड़ने की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह यह है कि टैक्स कलेक्शन बढ़ने से सरकार के हाथ में ज्यादा पैसे आएंगे। इससे फिस्कल डेफिसिट के FY24 में जीडीपी के 5.9 फीसदी के तय लक्ष्य तक रहने की उम्मीद है। उधर, CLSA का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकारों प्राइस कंट्रोल और सब्सिडीज के जरिए कीमतों को नियंत्रण में रखने की कोशिश करेंगी।