Daily Voice: ये 3 जोखिम रोक सकते हैं भारत का विकास रथ- अखिल भारद्वाज, Alpha Capital
Daily Voice: अल्फा कैपिटल के सीनियर पार्टनर अखिल भारद्वाज का कहना है कि निवेशकों को इस हफ्ते में कतार में दिख रहे आईपीओ से आकर्षित होकर बहुत ज्यादा निवेश करने के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। हालांकि उन्होंने सलाह दी कि टाटा टेक्नोलॉजीज (Tata Technologies) में छोटा निवेश किया जा सकता है
अगले महीने आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी समिति की बैठक पर अखिल भारद्वाज ने कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखे जाने की उम्मीद है
Daily Voice: वैश्विक स्तर पर अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में मंदी का माहौल है। इसके बावजूद जबर्दस्त खपत और मजबूत कैपेक्स ग्रोथ भारत की ग्रोथ स्टोरी के लिए प्रमुख फैक्टर्स साबित हो रहे हैं। हालांकि इस समय तीन तात्कालिक जोखिम हैं जो देश के विकास रथ पर ब्रेक लगाने के लिए काफी हैं। ऐसा अल्फा कैपिटल के सीनियर पार्टनर अखिल भारद्वाज का कहना है। मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू के दौरान भारद्वाज ने कहा कि वेल्थ मैनेजमेंट प्रोफेशनल भारत की आर्थिक ग्रोथ की गति और निवेशकों की बुलिश भावना से उत्साहित हैं। लेकिन, मैक्रो फंडामेंटल पर उभरते जोखिमों के बारे मे वे कहते हैं ये जोखिम रिकवरी को पटरी से उतार सकते हैं।
उन्होंने निवेशकों को सुझाव दिया हैं कि वे इस हफ्ते में कतार में दिख रहे आईपीओ से आकर्षित होकर बहुत ज्यादा निवेश करने के चक्कर में ना पड़ें। हालांकि उन्होंने सलाह दी ''टाटा टेक्नोलॉजीज (Tata Technologies) में छोटा निवेश किया जा सकता है।''
कंज्यूमर क्रेडिट एक्सपोजर के संबंध में बढ़े हुए जोखिम के साथ क्या आपको लगता है कि आरबीआई ग्रोथ रेट को रोकना चाहता है? साथ ही क्या आरबीआई को कोई जोखिम फैक्टर दिख रहा है?
इस पर अखिल भारद्वाज ने कहा कि आरबीआई ने अनसिक्योर्ड कंज्यूमर लोन और क्रेडिट कार्ड के लिए रिस्क वेट को 100 प्रतिशत से बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। इसका सीधा मतलब है कि बैंकों को संभावित नुकसान को कवर करने के लिए अधिक पैसा रखना होगी। आरबीआई का यह कदम ग्रोथ को रोकने के लिए नहीं बल्कि डिफॉल्ट जोखिम को नियंत्रित करने के लिए है।
यह आरबीआई द्वारा नियंत्रण के लिए किया गया उपाय है। इसका मकसद सिस्टम को किसी भी संभावित जोखिम से बचाना है। वास्तव में, प्री-कोविड समय में, रिस्क वेटेज 125 प्रतिशत था और कोविड-19 के दौरान विकास को बढ़ावा देने के लिए इसे घटाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया था। अब इसे वापस मूल स्तर पर लाया गया है।
क्या आपको लगता है कि मौजूदा भाव पर टाटा टेक्नोलॉजीज खरीदना अच्छा है?
भारद्वाज ने कहा कि टाटा टेक्नोलॉजीज में खरीदारी केवल कंपनी की वित्तीय स्थिति की स्कैनिंग पर ही की जानी चाहिए। जब टीपीजी क्लाइमेट ने टाटा टेक्नोलॉजीज में 9 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी थी, तब टाटा टेक्नोलॉजीज का मूल्य 2 अरब डॉलर आंका गया था।
मैं सुझाव दूंगा कि आईपीओ के लिए जल्दबाजी न करें। स्टॉक को सब्सक्रिप्शन के बाद खरीदने पर विचार किया जा सकता है। उस समय इसका ट्रैक रिकॉर्ड पर्याप्त समय सीमा के लिए बनाया गया होगा। हमारा मानना है कि अच्छा स्टॉक लंबे समय तक अच्छा प्रदर्शन करता है।
अगले महीने आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी समिति की बैठक से आप क्या उम्मीद करते हैं?
आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी में रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखने की उम्मीद है। लेकिन आरबीआई यूएसए फेड नीति दर ग्राफ का पालन करता दिख सकता है। इसक तहत पर्याप्त धन को भारत से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। इससे रुपए पर दबाव पड़ता है।
आम तौर पर जोखिम बाजार के लिए अज्ञात होते हैं। क्या आपको किसी तरह का जोखिम उभरता दिख रहा है जो बाजार की रिकवरी को नुकसान पहुंचा सकता है?
जोरदार खपत और कैपेक्स में मजबूत वृद्धि के कारण भारत की ग्रोथ स्टोरी मजबूत रहने की उम्मीद है। बाजार को DII के मजबूत निवेश से भी सहारा मिला है। तीन प्रमुख जोखिम जो ग्रोथ रिकवरी को प्रभावित कर सकते हैं और निवेशकों का मूड खराब कर सकते हैं वे इस प्रकार हैं:-
1) वैश्विक भू-राजनीतिक संकट - हमास और इजराइल के बीच युद्ध अन्य देशों तक फैल सकता है। इससे वैश्विक अशांति और तेल की कीमतों में इजाफा हो सकता है। इससे भारत जैसे बहुत ज्यादा आयात करने वाले देशों की ग्रोथ पर असर पड़ सकता है।
2) ब्याज दर में देरी से कटौती - ब्याज दर में कटौती में देरी करने से कमोडिटी की कीमतें और महंगाई बढ़ सकती है। इससे क्रेडिट कॉस्ट ज्यादा रहेगी और कॉर्पोरेट विस्तार में बाधा आएगी।
3) आम चुनाव - हमारे बाजारों ने गठबंधन के बिना भाजपा की जीत को नकार दिया है। चुनाव में कोई भी प्रतिकूल परिणाम बाजार को नीचे गिरा सकता है।
(डिस्क्लेमरः Moneycontrol.com पर दिए जाने वाले विचार और निवेश सलाह निवेश विशेषज्ञों के अपने निजी विचार और राय होते हैं। Moneycontrol यूजर्स को सलाह देता है कि वह कोई निवेश निर्णय लेने के पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह लें।)