Daily Voice : इनक्रेड वेल्थ के इन्वेस्टमेंट हेड योगेश कलवानी को उम्मीद है कि आने वाले साल में स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट के वैल्यूएशन सही स्तरों पर आ जाएंगे। अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव सहित तमाम बड़े इवेंट हैं। 2024 में यूएस फेड और आरबीआई की तरफ से मौद्रिक नीति पर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। बाजार पहले से ही ये मानकर चल रहा है कि इन इवेंट्स के नतीजे बाजार के लिए पॉजिटिव रहेंगे। मनीकंट्रोल को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि यह स्मॉलकैप और मिडकैप निवेश से मुनाफावसूलने का एक अच्छा समय है, क्योंकि लिक्विडिटी चेज करने वाले शेयरों में तेज बढ़त हुई है जिसके चलते बाजार के इस सेक्टर में आवंटन कम हो गया है।
कैपिटल और इक्विटी मार्केट का 20 सालों से ज्यादा का अनुभव रखने वाले योगेश कलवानी का कहना है कि वर्तमान तिमाही में तो कंपनियों के नतीजे मजबूत रहेंगे ही साथ ही इसमें पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में मजबूती देखने को मिलेगी।
क्या आपको लगता है कि आने वाले साल में भी मिडकैप और स्मॉलकैप का वैल्यूएशन महंगा रहेगा? इसके जवाब में योगेश कलवानी ने कहा कि साल 2023 में निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप ने निफ्टी 50 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है। एक साल के आगे के पी/ई आधार पर, निफ्टी 50 अपने लॉन्ग टर्म औसत (एलपीए) के आसपास कारोबार कर रहा है। हालांकि, मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स अपने लॉन्ग टर्म औसत से 28 फीसदी और 30 फीसदी के प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं।
अगर पिछले तीन कैलेंडर वर्षों यानी CY21, CY22 और CYTD23 पर नजर डालें, तो स्मॉलकैप इंडेक्स दोगुना हो गया है, मिडकैप इंडेक्स 1.8 गुना ऊपर है, जबकि निफ्टी 50 इंडेक्स लगभग 1.4 गुना ऊपर है। इस अवधि में ब्रॉडर मार्केट ने ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। उम्मीद है कि आने वाले साल में स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट के वैल्यूएशन तर्कसंगत हो जाएंगे। अगले वर्ष लोकसभा के चुनाव सहित तमाम बड़े इवेंट हैं। 2024 में यूएस फेड और आरबीआई की तरफ से मौद्रिक नीति पर अहम फैसले लिए जा सकते हैं। बाजार पहले से ही ये मानकर चल रहा है कि इन इवेंट्स के नतीजे बाजार के लिए पॉजिटिव रहेंगे। यह स्मॉलकैप और मिडकैप निवेश से मुनाफावसूलने का एक अच्छा समय है, क्योंकि लिक्विडिटी चेज करने वाले शेयरों में तेज बढ़त हुई है जिसके चलते बाजार के इस सेक्टर में आवंटन कम हो गया है।
2024 के लिए क्या होनी चाहिए निवेश रणनीति? इस पर बात करते हुए योगेश कलवानी ने कहा कि यह निवेशक पोर्टफोलियो में इक्विटी आवंटन पर दोबारा विचार करने का अच्छा समय है। इस समय लार्ज कैप्स में 60 फीसदी, मिड में को 25 फीसदी और स्मॉल कैप्स में बकाया 15 फीसदी एक्सपोजर का सुझाव होगा। हालांकि, लार्ज कैप शेयरों की तुलना में स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट के अब तक के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए अब स्मॉल और मिडकैप में सावधानी बरतने की जरूरत है। स्मॉल और मिडकैप सेगमेंट अपने लॉन्ग टर्म औसत से 30 फीसदी प्रीमियम पर कारोबार कर रहा है। यह सेगमेंट काफी महंगा दिख रहा है। इस बात को ध्यान में रखते हुए ही लार्ज कैप में 70 फीसदी और मिड कैप और स्मॉल कैप को 20 फीसदी और 10 फीसदी तक सीमित रखने की सलाह दी जा रही है।
बाजार के इस सेगमेंट के स्टॉक कीमतों में तेज बढ़त को देखते हुए पिछले 2 सालों में किए गए मिड और स्मॉल कैप निवेश से मुनाफा वसूलने का ये एक अच्छा समय है। ऐसा लगाता है कि आने वाले साल में स्मॉलकैप और मिडकैप सेगमेंट के वैल्यूएशन तर्कसंगत बनते दिख सकते हैं। दूसरे शब्दों में कहें तो आने वाले साल में इनमें करेक्शन हो सकता है। इस मुनाफे का 50 फीसदी हिस्सा एकमुश्क कैप शेयरों/फंडों में डालें। बाकी बचा 50 फीसदी फंड अगले 6 महीनों में रुक-रुक कर या किसी करेक्शन में बाजार में लगाएं।
जिन निवेशकों में मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट में कम निवेश किया है उनके लिए सलाह होगी वे अगले 12 महीने की अवधि में क्रमबद्ध तरीके (ऊपर बताई गई आवंटन सीमा के भीतर) से मिड और स्मॉल कैप में निवेश करें।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।