इंडियन कंपनियां अब सीधे विदेशी स्टॉक्स एक्सचेंजों (Foreign Stock Exchange) में लिस्टिंग करा सकेंगी। इसके लिए कंपनीज एक्ट में किया गया संशोधन 30 अक्टूबर से प्रभावी हो गया है। सरकार ने इंडियन कंपनियों को विदेशी शेयर बाजारों में सीधी लिस्टिंग के लिए यह कंपनीज (अमेंडमेंट) एक्ट, 2020 के सेक्शन 5 में संशोधन किया था। अब इंडियन कंपनियां विदेशी स्टॉक्स एक्सचेंज में लिस्टिंग के लिए सिक्योरिटीज जारी कर सकेंगी।
हालांकि, यह इजाजत कुछ शर्तें पूरी करने वाली कंपनियों को ही मिलेगी। वे सरकार की परमिशेबल फॉरेन ज्यूरिडक्शंस के तहत आने वाले शेयर बाजारों में सीधे अपने शेयर को सूचीबद्ध करा सकेंगी। केंद्र सरकार ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया है। इस नोटिफिकेशंस की एक कॉपी संसद के दोनों सदनों में पेश की जाएगी।
यह नोटिफिकेशन 30 अक्टूबर की रात जारी किया गया। सूत्रों ने CNBC-TV18 को बताया है कि सरकार इंडियन कंपनियों की विदेशी लिस्टिंग के बारे में स्पष्ट गाइडलाइंस जारी करेगी। इसमें यह बताया जाएगा कि किस तरह की सिक्योरिटीज और कंपनियों को विदेश में स्टॉक एक्सचेंजों में डायरेक्ट लिस्टिंग की इजाजत होगी।
इससे पहले सीएनबीसी-टीवी18 ने 16 अक्टूबर को कहा था कि MCA और आर्थिक मामलों का विभाग (DEA) विदेशी स्टॉक्स एक्सचेंजों में इंडियन कंपनियों की डायरेक्ट लिस्टिंग के नियम एवं शर्तों को लेकर अंतिम दोर की बातचीत कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि विदेश में लिस्टिंग के लिए सरकार अवधि की शर्त तय कर सकती है। इसका मतलब है कि सरकार जितने साल की शर्त तय करेगी, उतने साल पुरानी कंपनी को ही विदेश में लिस्टिंग की इजाजत मिलेगी। 31 अक्टूबर को जारी नोटिफिकेशन में सिर्फ पब्लिक कंपनीज की बात कही गई है। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि सरकार अनिलिस्टेड प्राइवेट कंपनियों को भी इसकी इजाजत दे सकती है।
इस साल की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार ने लिस्टेड और अनिलिस्टेड कंपनियों को IFSC में विदेशी स्टॉक एक्सचेंजों में डायरेक्ट लिस्टिंग की इजाजत देने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा था कि इससे स्टार्टअप्स और ऐसी कंपनियों को GIFT IFSC के जरिए सीधे ग्लोबल मार्केट्स तक पहुंच बनाने का मौका मिलेगा।