RBI के 6 अप्रैल को इंटरेस्ट रेट नहीं बढ़ाने के फैसले से होम लोन लेने वाले लोगों ने राहत की सांस ली। फिलहाल उनकी EMI नहीं बढ़ने जा रही है। दरअसल, RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने पिछले साल मई से लगातार रेपो रेट में हो रही वृद्धि पर ब्रेक लगाया है। चूंकि, यह अनुमान के उलट है, इसलिए इसकी इतनी ज्यादा चर्चा हो रही है। कई एक्सपर्ट्स ने इस बारे में अपनी राय जाहिर की है। उन्होंने RBI के इस फैसले के मायने निकालने की कोशिश की है।
होम लोन का इंटरेस्ट रेट 9 फीसदी पहुंचा
गोयल गंगा डेवलपमेंट्स के डायरेक्टर सुभाष गोयल ने कहा, "यह देखते हुए कि RBI ने मई 2022 से अब तक रेपो रेट 250 बेसिस प्वॉइंट्स बढ़ाया है, जिससे होम लोन का इंटरेस्ट रेट 9 फीसदी तक पहुंच गया है। आरबीआई के 6 अप्रैल के फैसले से होम लोन ग्राहकों को राहत मिलनी तय है।"
बैंकबाजार डॉट कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, "होम लोन ग्राहक लोन की अवधि में इजाफा देख रहे थे, RBI के इस फैसले से उन्हें राहत मिलेगी। पिछले एक साल में 2.5 फीसदी रेपो रेट बढ़ने से उनकी लायबिलिटी बहुत बढ़ गई है।" लेकिन, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने 6 अप्रैल को साफ कर दिया कि इनफ्लेशन के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।
आगे बढ़ सकता है इंटरेस्ट रेट
दास ने यह भी कहा कि अगर महंगाई को लेकर दबाव बढ़ता है तो MPC आगे इंटरेस्ट रेट बढ़ा सकता है। Acuite Ratings & Research के चीफ एनालिटिकल ऑफिसर सुमन चौधरी ने कहा, "आगे रेपो रेट बढ़ोतरी पर ब्रेक लगा रहेगा, यह कहना मुश्किल है। आरबीआई मुद्रास्फीति को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर चुका है।" यह समझने की जरूरत है कि पिछले एक साल में रेपो रेट 2.5 फीसदी बढ़ने से 15 साल के होम लोन की ईएमआई करीब 16 फीसदी बढ़ गई है। 20 साल के लोन की EMI करीब 20 फीसदी बढ़ी है। 30 साल के लोन की EMI 26.5 फीसदी बढ़ी है।
जानिए कितना बढ़ गया है बोझ
अगर किसी व्यक्ति ने 50 लाख रुपये का होम लोन 15 साल के लिए लिया है तो इंटरेस्ट रेट में 2.5 फीसदी वृद्धि से इंटरेस्ट पर होने वाला उसका खर्च 12.5 फीसदी बढ़ जाएगा। अगर व्यक्ति EMI की संख्या बढ़ाने का फैसला करता है तो 15 साल के लोन की अवधि बढ़कर 22 साल छह महीने हो जाएगी।