Credit Cards

क्या फाइेंशियल ईयर में एंप्लॉयी को इनकम टैक्स की रीजीम बदलने की इजाजत होगी?

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2023 को यूनियन बजट पेश करने के दौरान कहा था कि नए वित्त वर्ष में इनकम टैक्स की न्यू रीजीम डिफॉल्ट टैक्स रीजीम होगी। इसका मतलब है कि जो एंप्लॉयीज ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करना चाहते हैं उन्हें इसकी जानकारी अपनी कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट को देनी होगी

अपडेटेड Apr 07, 2023 पर 4:11 PM
Story continues below Advertisement
फाइनेंशियल ईयर 2022-23 तक इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम डिफॉल्ट रीजीम थी। इसलिए नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले एंप्लॉयी को इस बारे में अपनी कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट को बताना पड़ता था।

क्या आपने तय कर लिया है कि फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में आप इनकम टैक्स की नई रीजीम (New regime of income tax) का इस्तेमाल करेंगे या पुरानी रीजीम का? सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 5 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी किया है। इसमें कंपनियों को यह बताया गया है कि उन्हें FY24 में किस तरह एंप्लॉयीज की सैलरी पर TDS काटना होगा। इसमें यह कहा गया है कि एंप्लॉयी को यह बताना होगा कि वह ओल्ड रीजीम और न्यू रीजीम में से किसना इस्तेमाल करेगा। इसी के आधार पर सैलरी पर TDS काटा जाएगा। एंप्लॉयी के सामने दोनों रीजीम में से किसी एक को सेलेक्ट करने का ऑप्शन है।

इस बात का जरूर ध्यान रखें

इसलिए अगर आप नौकरी करते हैं तो आपको इस बारे में सावधान रहने की जरूरत है। अगर आपने अपनी कंपनी को यह नहीं बताया कि आप ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करना चाहते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि एंप्लॉयी न्यू रीजीम का इस्तेमाल करेगा। इस साल 1 फरवरी को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि अगले वित्त वर्ष से इनकम टैक्स की न्यू रीजीम डिफॉल्ट रीजीम होगी।


यह भी पढ़ें : CNG और पाइप्ड गैस की कीमतें घटेंगी, जानिए प्राइसिंग फॉर्मूले में क्या बदलाव होने जा रहा है

अब डिफॉल्ट रीजीम बदल गई है

फाइनेंशियल ईयर 2022-23 तक इनकम टैक्स की ओल्ड रीजीम डिफॉल्ट रीजीम थी। इसलिए नई रीजीम का इस्तेमाल करने वाले एंप्लॉयी को इस बारे में अपनी कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट को बताना पड़ता था। लेकिन, 1 अप्रैल 2023 से यह सिस्टम बदल गया है। अब न्यू रीजीम डिफॉल्ट रीजीम हो गई है। इसलिए अगर कोई एंप्लॉयी ओल्ड रीजीम का इस्तेमाल करना चाहता है तो उसे इस बारे में अनिवार्य रूप से अपनी कंपनी के फाइनेंस डिपार्टमेंट को बताना होगा।

सीबीडीटी के सर्कुलर में क्या है?

अभी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने यह नहीं बताया है कि फाइनेंशियल ईयर के दौरान किसी एंप्लॉयी को रीजीम में बदलाव करने की इजाजत होगी या नहीं। इससे पहले अप्रैल 2020 में जारी सर्कुलर में एंप्लॉयी को फाइनेंशियल ईयर के दौरान रीजीम बदलने की इजाजत नहीं दी गई थी। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि भले ही इस बारे में सीबीडीटी के सर्कुलर में साफ तौर पर कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन ऐसा लगता है कि एंप्लॉयी को फाइनेंशियल ईयर के दौरान रीजीम बदलने की इजाजत होगी।

एक्सपर्ट्स की अलग-अलग राय

एक्सपर्ट्स का यह भी कहना है कि फाइनेंस एक्ट, 2023 और इनकम टैक्स एक्ट में फाइनेंशियल ईयर के दौरान रीजीम में बदलाव करने पर किसी तरह की रोक नहीं लगाई गई है। लेकिन, अब तक इस बारे में स्थिति साफ नहीं है। ऐसा लगता है कि फाइनेंशियल ईयर में रीजीम करना मुश्किल हो सकात है। क्योंकि एक बार एंप्लॉयी के अपनी कंपनी को अपनी रीजीम के बारे में बताने के बाद कंपनी का फाइनेंस डिपार्टमेंट तय नियम के हिसाब से TDS करेगा। दोनों रीजीम में टीडीएस अलग-अलग होगा।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।