Green Peas Farming: खेत की जरूरत नहीं, घर पर गमले में उगाएं हरी मटर और पाएं झटपट फसल!

Green Peas Farming: अगर आप गमले में हरी मटर उगाना चाहते हैं, तो पानी और खाद का सही संतुलन बहुत जरूरी है। गमले की मटर को बगीचे की तुलना में ज्यादा पानी चाहिए, साथ ही मिट्टी के पोषक तत्व बनाए रखने के लिए समय-समय पर गोबर या किचन वेस्ट जैसी खाद डालें। सही देखभाल से पौधे स्वस्थ और ताजा फसल देंगे

अपडेटेड Dec 04, 2025 पर 12:41 PM
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Green Peas Farming: गमले में मटर लगाने के लिए मिट्टी में किचन वेस्ट का इस्तेमाल करें। ये मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है

अगर आप घर में गमले में हरी मटर उगाना चाहते हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण ध्यान पानी देने पर देना होगा। गमले में उगाई जाने वाली मटर को बगीचे की तुलना में ज्यादा नमी की जरूरत होती है। इसलिए दिन में 1 से 3 बार पानी देना पड़ सकता है। लेकिन बार-बार पानी देने से मिट्टी के पोषक तत्व बाहर निकल जाते हैं, जिससे पौधे कमजोर हो सकते हैं और अच्छी फसल नहीं देती। इसलिए पानी के साथ-साथ मिट्टी को उर्वर बनाए रखना भी जरूरी है। इसके लिए आप समय-समय पर किचन वेस्ट, गोबर की खाद या अन्य जैविक खाद डाल सकते हैं।

गमले में मटर लगाने से पहले मिट्टी को तैयार करें और पौधों को पर्याप्त रोशनी, नमी और सहारा दें। इस तरह सही देखभाल से आपके गमले में हरी मटर जल्दी अंकुरित होगी और स्वादिष्ट, ताजी फसल भी देगी।

मिट्टी और खाद का सही इस्तेमाल


गमले में मटर लगाने के लिए मिट्टी में किचन वेस्ट का इस्तेमाल करें। ये मिट्टी की उर्वरता बढ़ाता है और पौधों को पोषण देता है। इसके साथ-साथ आप गोबर की खाद भी डाल सकते हैं। कंटेनर को मिट्टी से भरते समय ऊपर से लगभग 1 इंच (2.5 सेमी) जगह छोड़ दें। इससे मिट्टी और पानी की संतुलित नमी बनी रहती है।

बीज बोने की सही तकनीक

गमले के बीच में बांस की डंडी लगाकर मटर की बेल के लिए सहारा बनाएं। मटर के बीजों को 2 इंच (5 सेमी) की दूरी पर और मिट्टी के नीचे 1 इंच (2.5 सेमी) गहराई में बो दें। बीजों को हल्की छाया वाली जगह पर रखें ताकि वे अच्छी तरह अंकुरित हो सकें।

पानी और मिट्टी की देखभाल

बीज अंकुरित होने तक यानी 9-13 दिन तक हल्की छाया में रखें। उसके बाद पौधों को धीरे-धीरे पूरी धूप में रखें। मिट्टी को हमेशा हल्का नम रखें लेकिन अधिक भीगने न दें। इस तरह जड़ें सड़ती नहीं हैं और पौधा स्वस्थ रहता है।

फूल और उर्वरक का ध्यान

फूल आने के समय ज्यादा पानी न दें। बढ़ते मौसम में कम नाइट्रोजन वाले उर्वरक का दो बार इस्तेमाल करें। इससे पौधे मजबूत रहते हैं और अच्छी फसल देती हैं।

 ठंड से सुरक्षा

गमले में उगाए गए मटर के पौधों को ठंड से बचाने के लिए उन्हें घर के अंदर या किसी सुरक्षित जगह पर रखें।

खास वैरायटी की मटर

गमले में उगाई जाने वाली खास किस्म पीबी-89 है। यह किस्म राष्ट्रीय बीज निगम से ऑनलाइन आसानी से खरीदी जा सकती है।

फसल का फायदा

इस तरह गमले में उगाई गई हरी मटर स्वस्थ, ताजा और पोषक तत्वों से भरपूर होती है। हल्की खाद और सही पानी देने से पौधे लंबे समय तक फलते-फूलते रहते हैं और आप घर में ही ताजी हरी मटर का आनंद ले सकते हैं।

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