सर्दी का मौसम आते ही बाजार में हरी सब्जियों की खूब रौनक देखने को मिलती है, और इन्हीं में सबसे ज्यादा डिमांड रहती है मेथी की। मेथी के पराठे, साग और सब्जी का स्वाद हर किसी को भाता है, इसलिए इसकी बिक्री भी तेजी से होती है। इसी बढ़ती मांग को देखकर जमशेदपुर के गांव में रहने वाले किसान रामकुमार कुशवाहा ने एक नया रास्ता चुना। उन्होंने सिर्फ तीन कट्ठा जमीन में महज 2000 रुपये लगाकर मेथी की खेती शुरू की। शुरू में ये प्रयोग छोटा था, लेकिन कुछ ही समय में यही खेती उनके लिए कमाई का मजबूत जरिया बन गई।
आज उनकी मेथी बाजार में अच्छी कीमत पर बिक रही है और उन्हें लगातार मुनाफा मिल रहा है। रामकुमार की ये कहानी उन किसानों के लिए प्रेरणा है, जो कम जमीन और कम लागत में कुछ नया करना चाहते हैं।
सिंचाई है सबसे बड़ी चुनौती
मेथी की खेती में सबसे बड़ी परेशानी पानी देना और खेत में उगने वाली घास को कंट्रोल करना होता है। लेकिन रामकुमार ने इसका आसान हल निकाल लिया। उन्होंने खेत में छोटा मोटर सिस्टम लगवाया है, जिससे पूरे खेत में बराबर पानी पहुंचता है। इससे समय भी बचता है और मेथी की पत्तियां भी खूब हरी-भरी उगती हैं।
बार-बार कटाई से बढ़ता मुनाफा
मेथी की खास बात ये है कि ये बहुत जल्दी तैयार हो जाती है। बीज बोने के 25 से 30 दिन में पहली कटाई हो जाती है। इसके बाद हर 8 से 10 दिन में नई पत्तियां फिर से उगने लगती हैं। इसी वजह से मेथी को छोटे किसानों के लिए सबसे फायदेमंद फसलों में गिना जाता है।
छोटी जमीन से बड़ी कमाई की मिसाल
जमशेदपुर के आसपास के बाजारों में ताजी मेथी की हमेशा अच्छी मांग रहती है। रामकुमार को आज तक अपनी फसल बेचने में कोई परेशानी नहीं हुई। लगातार मुनाफा देखकर अब वे अगले सीजन में और ज्यादा मेथी की खेती करने की योजना बना रहे हैं। उनकी सफलता आज आसपास के किसानों के लिए भी प्रेरणा बन चुकी है।