Onion cultivation: सिर्फ एक गलती से कम हो सकता है प्याज का मुनाफा, जानिए सही तरीका

Onion Nursery Preparation: प्याज की खेती किसानों के लिए हमेशा से फायदेमंद रही है। बढ़ते दामों के चलते किसान इसे लगाना पसंद करते हैं। अच्छी पैदावार के लिए सबसे जरूरी कदम है नर्सरी तैयार करना। सही मिट्टी, बीज और सिंचाई के साथ तैयार नर्सरी से मजबूत पौधे तैयार होते हैं, जो खेत में अच्छी फसल और अधिक मुनाफा सुनिश्चित करते हैं

अपडेटेड Nov 06, 2025 पर 4:21 PM
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Onion Nursery Preparation: प्याज के बीज हल्के हाथ से फैलाएं और ऊपर से 1 सेंटीमीटर महीन मिट्टी की परत डाल दें।

प्याज की खेती हमेशा से किसानों के लिए लाभकारी रही है। खासकर तब, जब प्याज के दाम बढ़ जाते हैं, तो छोटे-बड़े किसान इस फसल की ओर फिर से ध्यान देते हैं। लेकिन प्याज की अच्छी पैदावार के लिए सबसे पहला और अहम कदम है नर्सरी तैयार करना। नर्सरी का सही ढंग से निर्माण न सिर्फ पौधों को मजबूत बनाता है, बल्कि बाद में खेत में अच्छी फसल और मुनाफा भी सुनिश्चित करता है। कई बार किसान जल्दी में काम शुरू कर देते हैं और नर्सरी तैयार करने की सही प्रक्रिया का पालन नहीं करते, जिससे उत्पादन कम हो जाता है।

मिट्टी, बीज, सिंचाई और बीजोपचार पर ध्यान देने से नर्सरी से स्वस्थ और मजबूत पौधे तैयार होते हैं। यही मजबूत पौधे बाद में खेत में बढ़िया प्याज की फसल देने में मदद करते हैं। सही तैयारी के साथ किसान अपनी मेहनत का पूरा फायदा उठा सकते हैं।

मिट्टी का चुनाव और तैयारी


प्याज की नर्सरी बनाने के लिए उपजाऊ और भुरभुरी मिट्टी चुनें। मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। खेत में प्रति एकड़ लगभग चार ट्रॉली सड़े हुए गोबर की खाद डालने की सलाह दी जाती है, ताकि पौधों को शुरू से ही पर्याप्त पोषक तत्व मिल सकें।

नर्सरी बेड तैयार करना

नर्सरी बेड की लंबाई 10 फीट और चौड़ाई 5 फीट रखें। ऊंचाई 6 से 8 इंच होनी चाहिए, ताकि पानी जमे नहीं। बीज बोने से पहले मिट्टी को अच्छी तरह गीला कर लें, क्योंकि ये बीज अंकुरण के लिए बहुत जरूरी है।

बीज बोने का सही तरीका

प्याज के बीज हल्के हाथ से फैलाएं और ऊपर से 1 सेंटीमीटर महीन मिट्टी की परत डाल दें। अगर बीज पहले से अंकुरित हैं, तो नर्सरी में बेहतर परिणाम मिलते हैं। बीज बोने के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें।

सिंचाई और देखभाल

बीज बोने के 10 दिन के भीतर अंकुर निकलने लगते हैं। नर्सरी के दौरान हल्की और नियमित सिंचाई बहुत जरूरी है। इससे पौधे स्वस्थ और मजबूत रहते हैं।

बीजोपचार से रोगों से बचाव

प्याज के पौधों में तना सड़न और अन्य फफूंदजनित रोग हो सकते हैं। इसे रोकने के लिए बीज बोने से पहले ट्राइकोडर्मा या किसी जैविक बीजोपचारक का इस्तेमाल करें। यह रोगों से बचाव में मदद करता है।

नर्सरी से खेत में रोपाई

25 से 30 दिनों में नर्सरी के पौधे खेत में लगाने लायक हो जाते हैं। पौधों को तैयार खेत में दिसंबर से जनवरी तक उगया जा सकता है। रोपाई से पहले खेत को अच्छी तरह सींच लें। पौधों के बीच 6 इंच की दूरी रखें, ताकि जड़ें आसानी से फैल सकें और पौधे मजबूत बनें।

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