उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर और आसपास के जिलों में अब खेती का तरीका बदल रहा है। पहले किसान गर्मियों में साठा धान की खेती करते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा। जमीन के नीचे का पानी तेजी से खत्म हो रहा है, इसलिए सरकार ने साठा धान पर रोक लगा दी है। अब किसान मक्का की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं। मक्का एक ऐसी फसल है जो कम पानी में भी अच्छी पैदावार देती है और खर्च भी कम आता है। शुरू में किसान थोड़े परेशान जरूर हुए, लेकिन अब मक्का उन्हें अच्छा मुनाफा दे रही है।
मक्का को अब एक समझदार फसल माना जा रहा है, जो पर्यावरण के लिए भी ठीक है और किसान की जेब के लिए भी। धीरे-धीरे किसान मक्का को अपनाकर नई खेती की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।
अप्रैल में मक्का की खेती का सही समय
मैक्स यील्ड से होगी जबरदस्त ग्रोथ
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसान “मैक्स यील्ड” नामक उत्पाद का इस्तेमाल करें, तो मक्का के पौधों की ग्रोथ तेजी से होती है और उपज भी बेहतर मिलती है। इस उत्पाद में जिंक, मैंगनीज, बोरॉन और जिब्रेलिक एसिड जैसे पौष्टिक तत्व शामिल होते हैं, जो पौधों की वृद्धि में मदद करते हैं।
कैसे करें मैक्स यील्ड का प्रयोग?
मैक्स यील्ड को दो तरीकों से उपयोग में लाया जा सकता है—पहला, एक एकड़ क्षेत्र में 1 लीटर उत्पाद को खाद में मिलाकर छिड़क दें। दूसरा तरीका है छिड़काव करना, जिसमें 2 मिलीलीटर मैक्स यील्ड को प्रति लीटर पानी में घोलकर लगभग 150 लीटर पानी के साथ फसल पर छिड़का जाता है।
मैक्स यील्ड की बाजार में कीमत लगभग 550 रुपये प्रति लीटर है। यह उत्पाद पौधों की बेहतर वृद्धि में सहायक होता है, जिससे किसान कम लागत में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं। मक्का की खेती अब किसानों के लिए एक मजबूत विकल्प बनती जा रही है।