सर्दियों का मौसम किसानों के लिए नई उम्मीदें लेकर आता है, खासकर सब्जियों की खेती करने वालों के लिए। इस सीजन में बैंगन की खेती एक शानदार विकल्प मानी जाती है, क्योंकि इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है और दाम भी अच्छे मिलते हैं। लेकिन अच्छी कमाई के लिए सिर्फ मेहनत ही नहीं, बल्कि सही किस्म का चुनाव भी उतना ही जरूरी है। आज के समय में किसान पारंपरिक बैंगन की जगह हाइब्रिड वैरायटीज की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, जो कम समय में ज्यादा उत्पादन देती हैं। इन हाइब्रिड किस्मों में स्वाद, रंग, आकार और चमक सब कुछ खास होता है, जिससे ये बाजार में जल्दी बिक जाती हैं।
खास बात ये है कि ये किस्में रोग-प्रतिरोधक होती हैं और कम मेहनत में ज्यादा पैदावार देती हैं। आइए जानते हैं ऐसी 5 सबसे लोकप्रिय बैंगन की किस्में, जिनकी खेती करके किसान सर्दियों में भरपूर मुनाफा कमा सकते हैं।
अर्का नवनीत बैंगन आकार में गोल और देखने में बेहद चमकीले होते हैं। इसका गूदा हल्का बीजदार होता है, जिससे स्वाद लाजवाब बनता है। इस किस्म का औसत वजन करीब 350 से 400 ग्राम तक होता है। एक हेक्टेयर में इसकी पैदावार लगभग 63 से 65 टन तक होती है। इसका स्वाद और चमक दोनों ही बाजार में इसे सबसे ज्यादा बिकने वाला बैंगन बनाते हैं।
ये किस्म लंबी, बैंगनी और चमकदार होती है। किसानों में ये किस्म सबसे ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि इसे उगाना आसान है और उत्पादन भी अच्छा मिलता है। प्रति हेक्टेयर करीब 25 से 27 क्विंटल तक बैंगन की पैदावार होती है। इसका रंग और आकार इसे बाजार में तेजी से बिकने वाला बनाते हैं।
स्वर्ण शक्ति नाम के अनुरूप ही किसानों के लिए “स्वर्ण अवसर” साबित होती है। इसके पौधे करीब 70 से 80 सेंटीमीटर ऊंचे होते हैं। फल छोटे आकार के लेकिन चमकीले बैंगनी रंग के होते हैं। एक फल का वजन करीब 150 से 200 ग्राम होता है। इसकी पैदावार प्रति हेक्टेयर लगभग 700 से 750 क्विंटल तक होती है यानी कम जगह में भी अधिक उत्पादन।
इस किस्म के बैंगन गहरे बैंगनी और गोल आकार के होते हैं। एक फल का वजन लगभग 135 से 145 ग्राम होता है। सबसे खास बात ये है कि ये किस्म सिर्फ 65 से 70 दिन में तैयार हो जाती है। यही वजह है कि किसान इसे जल्दी फसल लेने के लिए बड़े पैमाने पर उगाते हैं।
पूसा पर्पल क्लस्टर किस्म की खासियत ये है कि इसके बैंगन गुच्छों में लगते हैं। इनकी लंबाई करीब 12 से 14 सेंटीमीटर होती है। यह किस्म जीवाणु विल्ट रोधी (Bacterial Wilt Resistant) होती है, यानी पौधे जल्दी बीमार नहीं पड़ते। पैदावार भी बाकी किस्मों की तुलना में अधिक होती है, जिससे किसान को बढ़िया मुनाफा होता है।