Farming tips: कम लागत में चाहते हैं रोज मुनाफा, इस फूल की खेती से होगी धुआंधार कमाई!

Farming tips: मध्य प्रदेश के निमाड़ इलाके में अब किसान पारंपरिक फसलों से हटकर गुलाब की खेती की ओर बढ़ रहे हैं। कम मेहनत और ज्यादा मुनाफे वाली यह खेती किसानों के लिए नया सहारा बन गई है। लगातार मांग और रोज़ की कमाई के कारण अब गुलाब की खेती को “किसानों का ATM” कहा जाने लगा है

अपडेटेड Oct 29, 2025 पर 2:43 PM
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Farming tips: किसान एक एकड़ से 4 से 8 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं।

मध्य प्रदेश के निमाड़ इलाके में खेती का तरीका अब तेजी से बदल रहा है। यहां के किसान अब गेहूं, सोयाबीन या कपास जैसी पारंपरिक फसलों की जगह ऐसी खेती की ओर बढ़ रहे हैं, जिसमें मेहनत कम और मुनाफा कई गुना ज्यादा है। इसी बदलाव की मिसाल बन चुकी है गुलाब की खेती, जिसे अब लोग मजाक-मजाक में “किसानों का ATM” कहने लगे हैं। दरअसल, गुलाब की फसल में लागत बहुत कम आती है, लेकिन इसकी कमाई रोजाना होती है। सबसे खास बात ये है कि इसकी मांग कभी घटती नहीं चाहे शादी-ब्याह का सीजन हो, त्योहार हो या पूजा-पाठ, हर समय गुलाब की पंखुड़ियां बाजार में बिकती रहती हैं।

यही वजह है कि निमाड़ के कई किसान अब गुलाब की खुशबू से अपनी जिंदगी बदल रहे हैं। कुछ ही बीघे जमीन में गुलाब उगाकर वे महीनों की नहीं, बल्कि हर दिन की आमदनी कमा रहे हैं।

क्यों बढ़ रही है गुलाब की खेती की मांग


गुलाब का फूल अब सिर्फ सुंदरता या खुशबू के लिए नहीं, बल्कि कमाई का बड़ा जरिया बन चुका है। इससे बनने वाले उत्पाद जैसे गुलकंद, गुलाब जल, इत्र, अगरबत्ती और कॉस्मेटिक आइटम्स की मांग भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लगातार बढ़ रही है। इसी वजह से अब मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के किसान भी इस खेती की ओर रुख कर रहे हैं।

किसानों का अनुभव

खंडवा जिले के किसान मांगीलाल पटेल लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि पहले वो गेहूं और सोयाबीन उगाते थे, लेकिन अब गुलाब से ही रोज़ की कमाई कर रहे हैं। उनका कहना है कि एक एकड़ में सिर्फ 7 से 10 हजार रुपये की लागत आती है और एक महीने में वो पैसा निकल आता है। उसके बाद का पूरा साल मुनाफे का सौदा होता है। दूसरे किसान भागीरथ पटेल के मुताबिक, गुलाब की सबसे बड़ी खूबी ये है कि ये रोज बिकने वाली फसल है। चाहे शादी हो, त्योहार या पूजा  हर जगह गुलाब की जरूरत होती है, इसलिए इसकी मांग कभी खत्म नहीं होती।

गुलाब की खेती की तैयारी

गुलाब के पौधों के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे बेहतर रहती है।

मिट्टी का pH मान 6.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए।

खेत की जुताई के बाद उसमें गोबर की खाद या जैविक खाद मिलाना फायदेमंद होता है।

फरवरी-मार्च या जुलाई-अगस्त का समय पौध लगाने के लिए सही रहता है।

तापमान 20 से 30 डिग्री के बीच हो तो फूलों की बढ़वार अच्छी होती है।

सिंचाई और देखभाल कैसे करें

गुलाब के पौधों को बहुत ज्यादा पानी नहीं चाहिए, लेकिन नियमित सिंचाई जरूरी है।

शुरुआती दिनों में हर 7–10 दिन में पानी देना चाहिए।

पौधों की कटाई-छंटाई (Pruning) समय-समय पर करें ताकि नए फूल निकलते रहें।

कीटों से बचाव के लिए जैविक कीटनाशक इस्तेमाल करें।

खासतौर पर एफिड्स और थ्रिप्स जैसे कीट गुलाब को नुकसान पहुंचाते हैं।

कमाई का पूरा हिसाब

अगर कोई किसान 1 एकड़ में गुलाब उगाता है, तो सालभर में करीब 10–12 टन फूल तैयार करता है।

स्थानीय बाजार में गुलाब का भाव 40 से 80 रुपये प्रति किलो तक रहता है।

यानी किसान एक एकड़ से 4 से 8 लाख रुपये तक की कमाई कर सकता है।

अगर किसान सीधे किसी परफ्यूम या गुलकंद बनाने वाली कंपनी को सप्लाई करे, तो दाम और भी ज्यादा मिलते हैं।

प्रोसेसिंग से और बढ़ेगी आमदनी

सिर्फ फूल बेचने से ही नहीं, बल्कि गुलाब से बने उत्पाद बनाकर मुनाफा कई गुना बढ़ाया जा सकता है

गुलकंद: गर्मी में इसकी खूब मांग रहती है।

गुलाब जल: ब्यूटी प्रोडक्ट्स में हर मौसम में बिकता है।

इत्र और अगरबत्ती: धार्मिक आयोजनों में हमेशा जरूरत रहती है।

कई किसान अब छोटे डिस्टिलेशन यूनिट लगाकर गुलाब का तेल और जल खुद तैयार कर रहे हैं, जिससे आमदनी और भी बढ़ रही है।

सरकार की मदद से खेती और आसान

राष्ट्रीय बागवानी मिशन (NHM) के तहत सरकार किसानों को सब्सिडी और तकनीकी सहायता दे रही है। किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर इस योजना का फायदा उठा सकते हैं और गुलाब की खेती से सालभर कमाई का रास्ता खोल सकते हैं।

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