शाहजहांपुर जिले के किसान अब पारंपरिक फसलों तक सीमित नहीं रहकर उद्यान की खेती की ओर भी ध्यान दे रहे हैं। पारंपरिक फसलों में अक्सर लागत अधिक और मुनाफा कम होता है, लेकिन उद्यान की खेती किसानों के लिए अधिक लाभकारी साबित हो रही है। इस नई खेती में बागवानी और सब्जियों की खेती शामिल है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ रही है। कई किसान अब पिंक ताइवान अमरूद के बाग लगा रहे हैं, जो लगभग 1 साल में उपज देने के लिए तैयार हो जाता है। अमरूद के बाग में दो लाइनों के बीच पर्याप्त जगह रहती है, जिसका उपयोग करके किसान लहसुन, प्याज, फूलगोभी या पत्ता गोभी जैसी सब्जियां उगा सकते हैं।
इस तरह किसान एक ही क्षेत्र से दो प्रकार की फसलें उगा कर अतिरिक्त आमदनी कमा सकते हैं। सरकार और उद्यान विभाग भी किसानों को बीज और तकनीकी मदद प्रदान कर उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं।
पिंक ताइवान अमरूद से हो रही लाभ की शुरुआत
कई किसान पिंक ताइवान अमरूद के बाग लगा चुके हैं। इस बाग से लगभग 1 साल में उपज मिलने लगती है। अमरूद के बाग में दो लाइनों के बीच पर्याप्त जगह होती है, जिससे किसान बीच के हिस्से में सब्जियां उगा कर अतिरिक्त आमदनी कर सकते हैं।
सब्जियों की खेती कैसे करें?
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. पुनीत कुमार पाठक के अनुसार, किसान बाग की जुताई कर मिट्टी को भुर-भूरा बना लें। इससे खरपतवार नष्ट हो जाएंगे और सब्जियों के लिए मिट्टी तैयार होगी। इस तैयार मिट्टी में लहसुन, प्याज, पत्ता गोभी, फूलगोभी और हरी मिर्च की खेती की जा सकती है।
निःशुल्क बीज और आसान प्रक्रिया
उद्यान विभाग किसानों को इन फसलों के लिए निशुल्क बीज भी प्रदान कर रहा है। किसान ऑनलाइन आवेदन करके या सीधे कार्यालय जाकर बीज ले सकते हैं। इन सब्जियों की खेती कम समय और कम लागत में तैयार हो जाती है, जिससे किसान अतिरिक्त मुनाफा आसानी से कमा सकते हैं।