सहारनपुर जनपद में कृषि मुख्य व्यवसाय है और किसानों की आमदनी का बड़ा हिस्सा सब्जी की खेती पर निर्भर करता है। खासकर सर्दियों के मौसम में पत्तेदार सब्जियों की मांग तेजी से बढ़ जाती है, जिससे किसानों की आमदनी में काफी बढ़ोतरी होती है। इस क्षेत्र में किसान मुख्य रूप से पालक, मूली, मैथी, गाजर, शलजम, सरसों, चना और धनिया जैसी सब्जियों की खेती करते हैं। इन सब्जियों की गुणवत्ता, रंग और हरियाली सीधे बाजार में दाम पर असर डालती है। अगर सब्जियों की ताजगी और रंग बेहतर हो, तो न केवल उनकी बिक्री अच्छे दाम पर होती है बल्कि उत्पादन में भी इजाफा होता है।
यही कारण है कि किसान अपनी फसलों में हरियाली और ग्रोथ बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान रखते हैं। सही तकनीक और पोषण तत्वों का इस्तेमाल करके किसान अपनी उपज और लाभ दोनों बढ़ा सकते हैं।
माइक्रोन्यूट्रिएंट से पत्तियों की सेहत और उत्पादन बेहतर
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डॉ. आई.के. कुशवाहा लोकल 18 से बात करते हुए बताते हैं कि सर्दियों में पत्तेदार सब्जियों की ग्रोथ और हरियाली बढ़ाने में माइक्रोन्यूट्रिएंट का बहुत बड़ा योगदान है। बाजार में कई तरह के मिश्रण मिलते हैं जिनमें कैल्शियम, सल्फर, जिंक, बोरान और NPK जैसे तत्व शामिल हैं। जिंक और बोरान पत्तियों की गुणवत्ता बढ़ाते हैं, सल्फर रंग और हरियाली गहरा करता है, जबकि कैल्शियम पौधों को मजबूत बनाता है।
नियमित छिड़काव से बढ़े उत्पादन
कुशवाहा के अनुसार किसानों को माइक्रोन्यूट्रिएंट का छिड़काव हर 7 दिन पर करना चाहिए। इससे पत्तों में वजन बढ़ता है, रंग निखरता है और पौधे स्वस्थ रहते हैं। यदि मिश्रित माइक्रोन्यूट्रिएंट उपलब्ध न हों, तो किसान NPK 20-20-20 या 19-19-19 के साथ मिलाकर भी छिड़काव कर सकते हैं। ये तरीका भी पत्तेदार सब्जियों में हरियाली और उत्पादन बढ़ाने में उतना ही असरदार है।