उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के महंदाबाद गांव के युवा किसान अमरेश ने अपनी मेहनत और सूझबूझ से खेती की तस्वीर ही बदल दी है। कभी धान और गेहूं उगाने वाले अमरेश ने जब पारंपरिक खेती में बढ़ती लागत और घटते मुनाफे की समस्या देखी, तो उन्होंने कुछ अलग करने का फैसला किया। जोखिम जरूर था, लेकिन सफलता उससे कहीं बड़ी निकली। उन्होंने ताइवानी पिंक अमरूद की बागवानी शुरू की और देखते ही देखते उनकी किस्मत चमक उठी। आज हाल ये है कि एक ही फसल से उन्हें लाखों रुपये की कमाई हो रही है।
उनकी ये सफलता सिर्फ उनकी अपनी कहानी नहीं है, बल्कि उन हजारों किसानों के लिए उम्मीद की नई किरण है, जो कम लागत में बेहतर मुनाफे की तलाश में हैं। अमरेश की मेहनत यह साबित करती है कि अगर सोच बदली जाए, तो खेती भी सोने की खान बन सकती है।
अमरेश ने करीब डेढ़ एकड़ जमीन पर ताइवानी पिंक अमरूद के पौधे लगाए। इसमें उनकी कुल लागत लगभग 50 से 60 हजार रुपये आई। लेकिन जब फसल तैयार हुई, तो एक ही सीजन में करीब 3 से 4 लाख रुपये तक की कमाई हुई। यानी लागत के मुकाबले मुनाफा कई गुना ज्यादा।
इस अमरूद की खास मतलब पैसे की बारिश
ताइवानी पिंक अमरूद की सबसे बड़ी खासियत इसका आकार और स्वाद है। यह अमरूद दूसरे किस्मों की तुलना में काफी बड़ा होता है, बेहद मीठा होता है और इसमें बीज भी बहुत कम होते हैं। अंदर से इसका रंग गुलाबी होता है, जो ग्राहकों को काफी आकर्षित करता है। एक पेड़ से करीब 25 से 30 किलो तक फल मिल जाता है।
मार्केट में जबरदस्त डिमांड
इस खास किस्म के अमरूद की बाजार में जबरदस्त मांग रहती है। यही वजह है कि यह आम अमरूद के मुकाबले महंगे दामों पर बिकता है। इसकी साल में दो बार फसल ली जा सकती है, जिससे किसान की आय दोगुनी हो जाती है।
धान-गेहूं में घाटा, अमरूद में फायदा
अमरेश बताते हैं कि पहले धान और गेहूं की खेती में कई बार लागत तक नहीं निकल पाती थी। मेहनत ज्यादा और मुनाफा कम रहता था। लेकिन जब से उन्होंने ताइवानी पिंक अमरूद की खेती शुरू की है, तब से आमदनी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
किसानों के लिए प्रेरणा बने अमरेश
आज के समय में जब किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने के तरीके ढूंढ रहे हैं, ऐसे में ताइवानी पिंक अमरूद की खेती एक शानदार विकल्प बनकर सामने आई है। अमरेश जैसे किसान दूसरों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं कि अगर सही फसल का चुनाव किया जाए, तो खेती भी लाखों का व्यापार बन सकती है।