TVS Orbiter vs iQube: देश की बड़ी टू-व्हीलर कंपनी TVS Motor ने 28 अगस्त, 2025 को अपना नया इलेक्ट्रिक स्कूटर Orbiter लॉन्च कर दिया है। कंपनी पहले से ही iQube बेच रही है, लेकिन TVS का कहना है कि Orbiter की वजह से iQube की बिक्री पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि दोनों अलग-अलग ग्राहकों को टारगेट करते हैं।
TVS Orbiter vs iQube: कीमत और बैटरी
Orbiter की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत (दिल्ली, PM E-DRIVE स्कीम सहित) 99,900 रुपये रखी गई है। इसमें 3.1 kWh बैटरी है, जो 158 किमी की रेंज देने का दावा करती है। वहीं, iQube कई बैटरी ऑप्शन के साथ आता है, जैसे- 2.2 kWh से लेकर 5.3 kWh तक। इसकी रेंज 94 किमी से 212 किमी तक जाती है। iQube की कीमत 94,434 रुपये से 1,58,834 रुपये तक है।
TVS का फ्लैगशिप इलेक्ट्रिक स्कूटर X भी है, लेकिन कंपनी की ज्यादातर बिक्री iQube से ही होती है। FADA (Federation of Automobile Dealers Associations) के आंकड़ों के मुताबिक, FY26 की शुरुआत से TVS लगातार भारत की नंबर-1 EV टू-व्हीलर कंपनी रही है और हर महीने इसका मार्केट शेयर 21% से ज्यादा रहा है।
अलग-अलग ग्राहकों के लिए किया गया डिजाइन
लॉन्च के बाद मीडिया से बात करते हुए TVS इंडिया टू-व्हीलर बिजनेस प्रेसिडेंट गौरव गुप्ता ने कहा, हमने दोनों स्कूटरों को अलग-अलग ग्राहकों के लिए डिजाइन किया है। Orbiter खासतौर पर नए जमाने के शहरी ग्राहकों के लिए है, जिन्हे रोजाना छोटी दूरी की यात्रा करनी होती है। जबकि, iQube एक फैमिली स्कूटर है, जिसमें ज्यादा फीचर्स और रेंज मिलती है। इसलिए दोनों के ग्राहक अलग होंगे।
TVS ने Orbiter के प्लेटफॉर्म पर 125 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसी प्लेटफॉर्म पर आगे और मॉडल भी बनाए जाएंगे, जिनमें से कुछ ई-कॉमर्स के लिए भी होंगे। ये प्लेटफॉर्म घरेलू और इंटरनेशनल मार्केट दोनों को सपोर्ट करेगा। फिलहाल, कंपनी ने वॉल्यूम (बिक्री लक्ष्य) बताने से मना किया है, लेकिन उम्मीद जताई है कि Orbiter iQube के साथ मिलकर कंपनी की EV बिक्री को और मजबूत करेगा।
मैन्युफैक्चरिंग और सप्लाई
Orbiter और iQube दोनों की मैन्युफैक्चरिंग तमिलनाडु के Hosur प्लांट में एक ही प्रोडक्शन लाइन पर हो रही है। कंपनी ने "fungible capacity model" अपनाया है, यानी जरूरत के हिसाब से किसी भी मॉडल की प्रोडक्शन बढ़ाई जा सकती है।
फिलहाल, शुरुआत में Orbiter सिर्फ बेंगलुरु में मिलेगा। लेकिन आने वाले हफ्तों में इसे बाकी शहरों में भी लॉन्च किया जाएगा।
Rare Earth Magnets की कमी
कंपनी Rare Earth Magnets की कमी की वजह से प्रोडक्शन में दिक्कत झेल रही है। TVS अब इसके लिए दूसरे देशों से सप्लाई ढूंढ रहा है और Heavy Rare Earth Magnets की जगह Light Rare Earth Magnets इस्तेमाल करने पर भी विचार कर रहा है।
GST रेट में बदलाव से क्या होगा फायदा?
केंद्र सरकार GST स्लैब्स को बदलने की तैयारी कर रही है। अभी चार स्लैब हैं – 5%, 12%, 18% और 28%। नई योजना में 12% और 28% हट जाएंगे और सिर्फ 5% और 18% रहेंगे। इसके अलावा, 40% का नया स्लैब लग्जरी और सिगरेट जैसी चीजों पर लगाया जाएगा। इसका फायदा टू-व्हीलर्स कंपनी को होगा, क्योंकि फिलहाल उन पर 28% GST लगता है। अगर इन्हें 18% स्लैब में लाया गया तो गाड़ियों की कीमत सीधे कम होगी और ग्राहक कम दाम में स्कूटर खरीद पाएंगे।