Car Air Purifier: दिल्ली-NCR में स्मॉग का मौसम अक्सर AQI के स्तर को बहुत खराब कर देता है। जिस वजह से कई यात्रियों के लिए, मास्क पहनना और घर पर प्यूरीफायर लगाना आम हो गया है। लेकिन जब आप कार में समय बिताते हैं, खासकर ट्रैफिक में, निर्माण स्थल के धूल के पास या गाड़ियों के धुएं के पास, तो कार के केबिन में ही महीन धूल (PM2.5), धुआं, धूल या एलर्जेंस मौजूद हो सकते हैं।
ऐसे में साधारण कार एयर फिल्टर में मदद करते हैं, लेकिन ये अक्सर सिर्फ बड़े धूल कण या पराग (pollen) को रोक पाते हैं। HEPA (High Efficiency Particulate Air) जैसा उच्च गुणवत्ता वाला फिल्टर लगाने वाला कार एयर प्यूरीफायर बहुत छोटे कणों को भी पकड़ सकता है और ड्राइव के दौरान हानिकारक प्रदूषण से बचाव करता है।
ये कैसे काम करते हैं और क्या-क्या जांचना चाहिए
एक "ओरिजिनल" कार एयर प्यूरीफायर में आमतौर पर ये elements मौजूद होते हैं:
एयर प्यूरीफायर की प्रभावशीलता काफी हद तक फिल्टर की क्वालिटी पर निर्भर करती है, और इसे “क्लीन एयर डिलीवरी रेट” (CADR) से भी मापा जाता है, यानी यह प्रति मिनट या घंटे में कितनी हवा को साफ कर सकता है। एक बंद कार केबिन में, एक छोटा प्यूरीफायर भी बड़े असर दिखा सकता है, क्योंकि हवा का मात्रा कम और सीमित होती है।
इसके अलावा, वाहन के एयर-कंडीशनिंग या वेंटिलेशन सिस्टम को "रीसर्कुलेशन" मोड में इस्तेमाल करने से मदद मिलती है, क्योंकि इससे बाहर की प्रदूषित हवा कम अंदर आती है और प्यूरीफायर अधिक प्रभावी काम करता है।
रिसर्च से क्या पता चलता है
वाहनों के केबिन में हवा की गुणवत्ता पर किए गए रिसर्च से पता चलता है कि एयर प्यूरीफायर और सही फिल्टरेशन हानिकारक प्रदूषण के संपर्क को काफी हद तक कम कर सकते हैं। हालांकि, कुछ सीमाएं भी हैं: यदि यात्रा बहुत छोटी है, या यदि खिड़कियां/दरवाजे बार-बार खोले जाते हैं, तो प्यूरीफायर को प्रदूषण के स्तर को प्रभावी ढंग से कम करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है।
केबिन फिल्टर, यहां तक कि उच्च-श्रेणी वाले भी, कार्बन मोनोऑक्साइड या कुछ वॉलटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (VOCs) को पूरी तरह से हटाने में कम प्रभावी होते हैं, जब तक कि एयर प्यूरीफायर में अच्छा एक्टिवेटेड कार्बन स्टेज न हो और डिजाइन में सिलिंग और हवा के संचरण (air circulation) का ध्यान रखा गया हो।
क्या दिल्ली-NCR में ड्राइविंग के लिए आपको कार में एयर प्यूरीफायर लगवाना चाहिए?
दिल्ली और आसपास के उत्तर भारतीय क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता की गंभीर समस्या को देखते हुए, एक अच्छी क्वालिटी वाला इन-कार प्यूरीफायर आपके लिए उपयोगी साबित हो सकता है, खासकर यदि:
कार एयर प्यूरीफायर, जब सही तरीके से चुने और इस्तेमाल किए जाएं, तो वाहन के केबिन के अंदर PM2.5, धूल, धुएं और एलर्जी से काफी हद तक सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। सर्दियों में दिल्ली-NCR जैसे उच्च प्रदूषण वाले वातावरण में, ये आवागमन से जुड़े जोखिम को कुछ हद तक कम कर सकते हैं। लेकिन ये कोई रामबाण इलाज नहीं हैं। इनका लाभ उठाने के लिए प्रभावी फिल्टरेशन, अच्छा एयर फ्लो, खिड़कियों को बंद रखना और रिसर्कुलेशन मोड का उपयोग करना तथा नियमित रख-रखाव करना जरूरी है।