UP Expressway: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ग्रीन हाईवे पॉलिसी के तहत गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे बना रहा है। 380 किलोमीटर लंबा यह हाईवे नोएडा, गाजियाबाद को कानपुर से जोड़ेगा। इस हाईवे से उत्तर प्रदेश में लोगों और सामानों की आवाजाही आसान हो जाएगी। डीएनए इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक बार तैयार हो जाने पर गाजियाबाद और कानपुर के बीच यात्रा का समय आठ घंटे से घटकर सिर्फ पांच घंटे रह जाएगा। यानी इस हाईवे की मदद से यात्रियों को करीब 3 घंटे की बचत होगी।
प्रदेश के नौ जिलों को चार लेन से जोड़ेगा एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के नौ जिलों से होकर गुजरेगा जिनमें गाजियाबाद, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव और कानपुर शामिल है। इसका निर्माण कार्य पहले से ही चल रहा है और इसे वर्ष 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। शुरुआत में इसे चार लेन के राजमार्ग के रूप में योजना बनाई गई थी, लेकिन भविष्य में बढ़ती यातायात को समायोजित करने के लिए एक्सप्रेसवे में छह लेन तक विस्तार की प्लानिंग है। एक्सप्रेसवे का दक्षिणी छोर कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा, जबकि उत्तरी भाग राष्ट्रीय राजमार्ग 9 से मिलेगा। नोएडा के आगामी जेवर हवाई अड्डे तक एक्सप्रेसवे का विस्तार करने की भी बात चल रही है, जिससे कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।
एक ग्रीनफील्ड परियोजना के रूप में निर्मित, यह एक्सप्रेसवे सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर केंद्रित है। पर्यावरण के अनुकूल निर्माण प्रक्रियाओं से लेकर स्मार्ट डिजाइन तक, यह परियोजना पर्यावरण के प्रति सस्टेनेबल रहने का दावा करती है।
सिर्फ समय की बचत नहीं बल्कि अवसरों को भी खोलेगा नया एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे सिर्फ समय बचाने के बारे में नहीं है। यह अवसरों को खोलने वाला भी साबित होगा। पहली बात तो यह कि यह मौजूदा मार्गों पर यातायात को कम करेगा, व्यवसायों के लिए लॉजिस्टिक्स में सुधार करेगा और यात्रियों के ट्रैवल को आसान बनाएगा। प्रमुख औद्योगिक और वाणिज्यिक केंद्रों को जोड़कर, गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे राज्य में आर्थिक और सामाजिक विकास के एक शक्तिशाली वाहक के रूप में कार्य करेगा। इसके अलावा यह हाईवे अपने रास्ते में आने वाले जिलों के हजारों लोगों के लिए बेहतर रोजगार के ऑप्शन भी खोलेगा।