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भारत की पहली AI-पावर्ड ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक बस लॉन्च, IIT हैदराबाद ने रचा इतिहास

AI-Powered Driverless Bus: IIT हैदराबाद ने भारत की पहली AI-पावर्ड ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक बस लॉन्च की है, जिसे TiHAN ने विकसित किया है। 6-सीटर और 14-सीटर वेरिएंट में उपलब्ध ये बसें AEB और ACC जैसे स्मार्ट फीचर्स से लैस हैं। TRL-9 स्तर तक पहुंच चुकी यह तकनीक सुरक्षित और टिकाऊ परिवहन का वादा करती है।

अपडेटेड Aug 18, 2025 पर 2:59 PM
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भारत की पहली AI-पावर्ड ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक बस लॉन्च, IIT हैदराबाद ने रचा इतिहास

AI-Powered Driverless Bus: पहले आप बस से जब भी यात्रा करते थे तो उस बस को ड्राइवर चलाता था और अपने अनुसार स्पीड कम तेज करता था और ब्रेक लगाता था। लेकिन अगर आप कहीं जा रहे हो और आपको बिना ड्राइवर के चलती हुई बस मिले तो, शायद आप सोच भी नहीं सकते उस बस पर बैठने की। दरअसल, ऐसा ही एक कमाल किया है IIT हैदराबाद ने। जिसने भारत की पहली AI-पावर्ड ड्राइवरलेस इलेक्ट्रिक बसों को पेश किया है। इन ऑटोनॉमस शटल्स को टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब ऑन ऑटोनॉमस नेविगेशन (TiHAN) ने विकसित किया है। इसे स्मार्ट और टिकाऊ परिवहन की दिशा में देश की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। प्रोफेसर पी. राजलक्ष्मी के नेतृत्व वाली टीम ने अब तक इस बस में 10,000 से ज्यादा यात्रियों को सफर कराया है और लगभग 90% संतुष्टि दर हासिल की है।

कैसे काम करती हैं ये बसें?

ड्राइवरलेस शटल्स फिलहाल दो वेरिएंट्स में उपलब्ध हैं, पहला 6-सीटर और दूसरा 14-सीटर इलेक्ट्रिक मॉडल। इनमें अत्याधुनिक फीचर्स दिए गए हैं, जैसे- Autonomous Emergency Braking (AEB) जो अचानक सामने आने वाली बाधाओं को पहचानकर तुरंत ब्रेक लगाती है। Adaptive Cruise Control (ACC) जो सुरक्षित दूरी बनाए रखते हुए ट्रैफिक के हिसाब से स्पीड एडजस्ट करती है।


ये स्मार्ट बसें बिना ड्राइवर के भी जटिल रास्तों पर आसानी से चल सकती हैं और रियल-टाइम में बाधाओं की पहचान करके यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इस टेक्नोलॉजी ने Technology Readiness Level 9 (TRL-9) हासिल कर लिया है, जो यह साबित करता है कि यह भारतीय सड़कों पर वास्तविक परिस्थितियों में भी पूरी तरह से कारगर और भरोसेमंद है।

क्यों है यह इतना खास?

IIT हैदराबाद का TiHAN प्रोजेक्ट सिर्फ एक तकनीकी पहल नहीं है, बल्कि यह भारत के मोबिलिटी सेक्टर के भविष्य को नई दिशा देने का प्रयास है। TiHAN ने देश का पहला Autonomous Navigation Testbed तैयार किया है, जहां ड्राइवरलेस टेक्नोलॉजी को वास्तविक भारतीय सड़क परिस्थितियों में परखा जाता है। यह अत्याधुनिक सुविधा इंडस्ट्री और रिसर्चर्स को एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करती है जिसके जरिए वे मिलकर सुरक्षित, भरोसेमंद और भारत के अनुकूल ऑटोनॉमस व्हीकल्स विकसित कर सकें।

अगली पीढ़ी को तैयार करने की पहल

TiHAN सिर्फ टेक्निकल डेवलपमेंट पर ध्यान नहीं दे रहा है, बल्कि AI और मशीन लर्निंग से जुड़े स्पेशल प्रोग्राम्स भी चला रहा है। इसका मकसद आने वाले जनरेशन को नई तकनीकों की ट्रैनिंग देना है ताकि भारत फ्यूचर में ऑटोनॉमस मोबिलिटी का ग्लोबल लीडर बन सके।

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